सेवानिवृत्त आइएएस कोटिया करेंगे पूर्व डीजीपी सिद्धू की जांच
पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू पर लगे आरोपों की जांच सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी डीके कोटिया को सौंपी गई है। वह इस मामले में जांच करने वाले दूसरे अधिकारी होंगे।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन ने आखिरकार पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू पर लगे आरोपों की जांच के लिए अधिकारी की खोज कर ही ली। यह जांच सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी डीके कोटिया को सौंपी गई है। वह इस मामले में जांच करने वाले दूसरे अधिकारी होंगे। पूर्व अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह की सेवानिवृत्ति के पांच माह बाद आखिरकार अब यह जांच शुरू हो सकेगी।
पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर मार्च 2013 को वीरगिरवाली, राजपुर के आरक्षित वन क्षेत्र में भूमि को अवैध तरीके से खरीदने और पेड़ों के अवैध कटान के आरोप हैं। साथ में यह आरोप भी है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए वन अधिनियम के तहत सरकारी काम करने वाले अधिकारियों के कार्य में बाधा डाली। हालांकि ये आरोप डीजीपी रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान ही लगे थे। उनकी सेवानिवृत्ति से ठीक एक दिन पहले उन्हें 29 अप्रैल 2016 को चार्जशीट थमाई गई थी।
इस वजह से उन्हें अभी तक पेंशन या सेवानिवृत्तिक देय भी नहीं मिले हैं। हालांकि सिद्धू ने अपने जवाब में चार्जशीट में लगाए गए तमाम आरोप को नकार दिया था। इसके बाद शासन ने इस मामले में अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह को जांच अधिकारी नामित करते हुए रिपोर्ट मांगी। इस बीच पूर्व डीजीपी सिद्धू ने कैट की शरण ली। कैट में लंबे समय तक इसकी सुनवाई चली लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इसी वर्ष मार्च में कैट ने पूर्व डीजीपी की याचिका को खारिज करते हुए उनके खिलाफ जांच की संस्तुति कर दी थी। कैट में मामला समाप्त होने के बाद शासन ने अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह से इस जांच को पूरा करने का अनुरोध किया लेकिन डॉ. रणवीर सिंह ने तब अपने अल्प कार्यकाल का हवाला देते हुए जांच करने से इनकार कर दिया।
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इसके बाद शासन ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को इस मामले की जांच करने को कहा लेकिन उन्होंने भी कार्य की अधिकता का हवाला देते हुए इससे कदम पीछे खींच लिए। इसके बाद से ही शासन किसी वरिष्ठ अधिकारी की तलाश कर रहा था। यह जांच पूर्व आइएएस डीके कोटिया पर जाकर थमी है। अब वह इस मामले की जांच करेंगे।
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