शुद्ध आहार, निर्मल विचार और योगाभ्यास से दूर रहेंगी बीमारियां

एम्स ऋषिकेश में हृदय संबंधी बीमारियों के उपचार और बचाव में ध्यान एवं योग की भूमिका पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हो गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 11 Mar 2019 04:27 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 08:27 AM (IST)
शुद्ध आहार, निर्मल विचार और योगाभ्यास से दूर रहेंगी बीमारियां
शुद्ध आहार, निर्मल विचार और योगाभ्यास से दूर रहेंगी बीमारियां

ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में हृदय संबंधी बीमारियों के उपचार और बचाव में ध्यान एवं योग की भूमिका पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी विधिवत संपन्न हो गई है। दो दिवसीय इंटरनेशनल संगोष्ठी में दुनिया के विभिन्न देशों से हृदय रोग व ध्यान योग के करीब डेढ़ हजार विशेषज्ञ, आचार्य, अनुसंधानकर्ता व विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। 

इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि संस्थान जल्द ही यहां एडवांस इंटीग्रेटेड सेंटर की स्थापना करेगा, जिसमें कॉर्डियोलॉजी से लेकर योगा तक सभी विधाओं को सम्मिलित किया जाएगा। इस दौरान निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रविकांत ने बताया कि हम ऋषिकेश को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाना चाहते हैं। जहां मरीजों को एलोपैथी व आयुर्वेदिक सभी तरह की चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सके।

एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि हम सबका एकमात्र उद्देश्य स्वस्थ भारत का निर्माण करना है। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने एम्स को राज्य का महत्वाकांक्षी संस्थान बताया और उम्मीद जताई कि हृदय रोगों पर आधारित इस संगोष्ठी में विद्वानों का मंथन जनहित का कार्य करेगा। 

उन्होंने बताया कि योग गुरु बाबा रामदेव व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को विश्वव्यापी पहचान दी है। पतंजलि योगपीठ के सचिव आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सभी को स्वस्थ व निरोगी रहने के लिए नियमित तौर पर योगाभ्यास का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि उचित आहार लेने से भी हृदय रोगों से बचा जा सकता है। बताया कि आहार में शुद्धता, विचारों में निर्मलता व योगाभ्यास से हम हमेशा बीमारियों से दूर रह सकते हैं। प्रो. आइबी रेड्डी ने कहा कि मनुष्य में अधिकांश असंक्रमरणीय बीमारियां परिवर्तन की जा सकने वाली जीवनशैली की वजह से होती हैं। लिहाजा योग ऐसी बीमारियों की रोकथाम व उपचार में महत्वपूर्ण है। 

निम्हांस के निदेशक प्रो. बीएन गंगाधर ने योगा की न्यूरो बायोलॉजी पर प्रकाश डाला, बताया कि योग सिजोफ्रेनिया के मरीजों में ओक्सीटोसिन का स्तर बढ़ाता है। महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट यूएसए के डीन ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन डॉ. रॉबर्ट स्निडर ने बताया कि ध्यान योग उच्च रक्तचाप को कम करता है, जिससे हृदयाघात व स्ट्रोक से होने वाली मृत्यु की संभावना भी कम हो जाती है। 

इस अवसर पर यूएसए के कॉर्डियोलॉजिस्ट व एम्स के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. इंद्रानिल बासू रे, माइंड बॉडी इंस्टीट्यूट हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रो. ग्रीग फ्रिकोनी आदि ने भी व्याख्यान दिए। इस अवसर उप निदेशक प्रशासन अंशुमन गुप्ता, प्रोफेसर मनोज गुप्ता, कॉर्डियो विभागाध्यक्ष डॉ. भानु दुग्गल, डॉ. सुरेश शर्मा, डॉ. मीनाक्षी धर, डॉ. सोमप्रकाश बासू, डॉ. पूर्वी कुलश्रेष्ठा, डॉ. मोनिका पठानिया, डॉ. बलराम जीओमर, डॉ. वर्तिका सक्सेना आदि मौजूद रहे। 

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