Vasant Panchami 2020: वसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, मंदिरों में की पूचा अर्चना

उत्तराखंड में वसंत पंचमी पर्व पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। हरिद्वार के गंगा घाटों में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।

By BhanuEdited By: Publish:Thu, 30 Jan 2020 12:17 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jan 2020 12:17 PM (IST)
Vasant Panchami 2020: वसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, मंदिरों में की पूचा अर्चना
Vasant Panchami 2020: वसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, मंदिरों में की पूचा अर्चना

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में वसंत पंचमी के पर्व पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। हरिद्वार के गंगा घाटों में आस्था की डुबकी लगाने वालों में सर्दी के बावजूद उत्साह बना रहा। जगह-जगह मीठे चावल के रूप में प्रसाद वितरित किया गया। वहीं बच्चों के साथ ही बड़ों ने भी पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। 

ऋतुराज वसंत पर गंगा स्नान और ईश्वर की स्तुति करने को धर्मनगरी  हरिद्वार के गंगाघाटों और नदी तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के साथ ही पूजा अर्चना, दान कर पुण्य अर्जित किया। इस दिन पीतांबर वस्त्र धारण कर अन्न-वस्त्र दान करने के साथ ही  गुप्त दान करने की भी मान्यता और परंपरा है। 

साथ ही जर्दा (एक प्रकार का मीठा चावल) खाने की भी परंपरा है। श्रद्धालुओं ने इसके निमित्त हरकी पैड़ी और आसपास के मंदिरों में गुप्त दान कर पुण्य कमाया। हरकी पैड़ी पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की हुई थी। 

मौसम खुला होने के कारण हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर गंगा स्नान के लिए भारी भीड़  उमड़ी। स्नान को तड़के हरिद्वार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा और ब्रह्म मुहूर्त से स्नान शुरू कर दिया था। स्नान के चलते हरकी पैड़ी, सर्वानंद घाट, बिरला घाट, लवकुश घाट, विश्वकर्मा घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट आदि घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा रहा। 

सनातनी मान्यता के अनुसार श्रद्धालुओं ने गंगा पूजन और गंगा अभिषेक भी किया। स्नान के बाद हरिद्वार के मंदिरों के दर्शन और पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने अन्न-वस्त्र आदि का दान किया।

दून में धूमधाम से मनी वसंत पंचमी

दून में वसंत पंचमी का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने घरों और मंदिरों में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके अलावा ब्राह्मणों ने पंचांग पढ़कर यजमानों को उनकी राशियों के आधार पर भविष्य की जानकारी दी।  

इस मौके पर सिद्धपीठ श्री सनातन धर्म मंदिर में मुख्य पुजारी ने पूजा कर विश्व शांति की कामना करने के साथ ही भक्तों को मां सरस्वती की महिमा बताई। जिसके बाद मंदिर समिति की ओर से भक्तों को प्रसाद वितरीत किया गया। इस मौके पर मंदिर समिति के प्रधान सुभाष माकिन, अवतार किशन कौल, रवि भाटिया, गुलशन माकिन, बॉबी भाटिया, अनीता मल्होत्रा, संगीता भाटिया आदि मौजूद रहे। 

उधर, राजपुर रोड स्थित सांई मंदिर में भी पूर्वा सांस्कृतिक मंच की ओर से वसंत पंचमी पर सरस्वती का पूजन किया गया। पंडित मिथिलेश झा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता का आह्वान किया और पूजन की विधि शुरू की। इस मौके पर कक्षा आठ की छात्रा शिवांगी ने माता का पूजन किया और प्रदेश के लिए, शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। गायक नितिन यादव और राजेश पांडेय ने अपने भजनों के माध्यम से मां सरस्वती का गुणगान किया। 

इस मौके पर सोनल वर्मा को शारदेय सम्मान से नवाजा गया। मंच के महासचिव सुभाष झा ने बताया कि वह पिछले नौ सालों से विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा काफी श्रद्धा और आस्था के साथ करते आ रहे हैं। इस दौरान विधायक गणेश जोशी, विनोद चमोली, भाजपा नेता अनिल गोयल, संदीप प्रजापति, गौतम प्रजापति, अशोक पणित समेत कई लोग मौजूद रहे। 

बिहारी महासभा ने की सरस्वती पूजा 

बिहारी महासभा की ओर से मां सरस्वती पूजनोत्सव का आयोजन किया गया। राजपुर रोड स्थित शिव बालयोगी ट्रस्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सुबह 10 बजे विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। महासभा के अध्यक्ष ललन सिंह ने बताया कि भंडारे के बाद यहां शाम को संध्या आरती का आयोजन किया जाता है। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।

उन्होंने बताया कि 31 जनवरी को सुबह 10 बजे पूजा अर्चना कर माल देवता में मूर्ति विसर्जन किया जाएगा। वहीं श्री कालिका माता समिति की ओर से ठाकुर श्री राधा कृष्ण का भव्य शृंगार किया गया। इसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।

काश्तकारों ने शुरू किया खेतीबाड़ी का काम

वसंत पंचमी का पर्व मसूरी सहित आसपास के इलाकों में भी पारंपरिक रीति से मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने घरों में मां सरस्वती पूजन किया व मीठे चावल बनाकर प्रसाद के रूप में वितरित किये। वहीं, काश्तकारों ने खेतों में हल चलाकर खेतीबाड़ी के काम की शुरूआत की। 

बच्चों ने पतंग उड़ाकर मनाई वसंत पंचमी

सेंट मदर टेरेसा चिल्ड्रन ऐकेडमी में वसंत पंचमी का त्योहार छात्र-छात्राओं ने धूमधाम से मनाया। इसमें छात्रों के बीच पतंगबाजी का मुकाबला कराया गया। मुकाबले में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।

वीरभद्र मालवीय नगर स्थित सेंट मदर टेरेसा चिल्ड्रन ऐकेडमी में सर्वप्रथम मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। जिसके बाद छात्र-छात्राओं के बीच पतंगबाजी का मुकाबला हुआ। इसमें स्कूल के प्रबंधक अमित कुमार जायसवाल ने छात्रों को पतंगबाजी की अहमियत के बारे में विस्तार से समझाया। 

उन्होंने बताया कि पुराने समय में पतंगबाजी लोगों के लिए मनोरंजन का हिस्सा माना जाता था। उन्होंने कहा कि समय बदलने से हमारे मनोरंजन के तरीके बदल गए हैं, लेकिन फिर भी हमें अपने त्योहारों को परंपरागत तरीके से मनाना चाहिए। ताकि आने वाली पीढ़ी अपने विरासत से जुड़ी रहे। इस मौके पर प्रधानाचार्य रीना जायसवाल, सुमन भट्ट, प्रियंका ङ्क्षसह, वसुधा, सौम्या, मीनाक्षी, गीता यादव, सुमन नेगी, संगीता आदि उपस्थित रहे।

मां सरस्वती व गुरु की स्तुति की 

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट में वसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती, विष्णु भगवान व गुरु की स्तुति की गई। पूजन कार्यक्रम में एसआरएचयू के प्रति कुलपति डॉ. विजेंद्र चैहान ने कहा कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार आज के दिन को देवी सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार छह ऋतुएं होती हैं। इनमें वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना जाता है। इसके अलावा प्राकृतिक दृष्टि से वसंत पंचमी को फूलों के खिलने व नई फसल के आगमन का त्योहार भी कहा जाता है। इस मौसम में खेतों में सरसों की फसल पीले फूलों, आम के पेड़ों पर बौर, चारों तरफ हरियाली ठंडे मौसम को और भी खुशनुमा बना देता है। 

यह भी पढ़ें: Vasant Panchami 2020: उत्तराखंड में श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा बसंत पंचमी का पर्व, जानिए क्या है मान्यता 

इस मौके पर हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग से अरूंधति लखवारा, वंदना चैहान, दीक्षा जोशी, आमिर शोहिल, महिमा बोरा, बीना अधिकारी, अनुमेहा जोशी, शहफाली पंवार, अपशा, अंजलि भट्ट, साक्षी सेमवाल आदि मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें: गिद्दा-भांगड़ा संग दून में छाया लोहड़ी का खुमार, घूमर नृत्य ने मोहा मन Dehradun News

chat bot
आपका साथी