सूचना के बदले मांगा दो कर्मियों का दो दिन का वेतन

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना देने के लिए अावेदक से दो कर्मियों का दो दिन का वेतन मांग लिया। आवेदक ने केंद्रीय सूचना आयोग को शिकायत भेज दी है।

By BhanuEdited By: Publish:Tue, 26 Sep 2017 11:52 AM (IST) Updated:Tue, 26 Sep 2017 08:47 PM (IST)
सूचना के बदले मांगा दो कर्मियों का दो दिन का वेतन
सूचना के बदले मांगा दो कर्मियों का दो दिन का वेतन

देहरादून, [सुमन सेमवाल]: सूचना देने से बचने के लिए आजमाया गया यह तरीका संभवत: पहला होगा। नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत मांगी गई जानकारी देने के बजाय आवेदक से अपने दो कार्मिकों का दो दिन का वेतन मांग लिया। 

वेतन मांगने संबंधी पत्र में न तो यह बताया गया कि सूचना कितने पृष्ठों में निहित है और न ही यह बताया गया कि जवाब से असंतुष्ट होने पर आवेदक को कहां अपील करनी है।

आरटीआइ कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के राजपुर रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से मुख्य रूप से लंबे समय से बीमार चल रहे सर्वेक्षक अतुल सिंघल के बारे में जानकारी मांगी थी। क्योंकि, ऐसी जानकारी मिल रही थी कि अस्वस्थ होने के बाद भी वह दुर्घटनाग्रस्त वाहनों का सर्वेक्षण कार्य कर रहे हैं। 

सूचना के आवेदन पत्र में महज चार बिंदुओं का उल्लेख किया गया। इसके बाद भी 30 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध तो नहीं कराई गई, मगर केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी/उप प्रबंधक स्तर से 30 दिन की अवधि के बाद भूपेंद्र कुमार को कार्मिकों का दो दिन का वेतन मांगे जाने का पत्र जरूर प्राप्त होता है। 

इस पत्र में लिखा गया है कि जो सूचनाएं मांगी गई हैं, उनके संकलन के लिए एक अधिकारी व एक सहायक की नियुक्ति की जानी है। लिहाजा दो कार्मिकों का दो दिन का वेतन उपलब्ध कराकर संबंधित सूचनाएं दी जा सकती हैं। जबकि आरटीआइ एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और सूचना देने के लिए प्रति पृष्ठ दो रुपये की राशि पहले ही नियत की गई है। इंश्योरेंस कंपनी के ऐसे अटपटे जवाब से खिन्न होकर भूपेंद्र कुमार ने केंद्रीय सूचना आयोग को लिखित में शिकायत भेज दी है।

वेतन की मांग अनुचित 

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक एमएल मंगला के मुताबिक कार्यालय के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी का वेतन के भुगतान की मांग करना उचित नहीं है। लिहाजा, आवेदक को निश्शुल्क सूचना प्रकाशित की जाएगी। आरटीआइ के आवेदन में जिस बीमार सर्वेक्षक का जिक्र किया गया है, उसकी जांच भी कराई जाएगी।

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