चिता जलाने की तैयारी में थे परिजन, तभी जी उठा और.....

एक मरीज को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। परिजन शव लेकर घर पहुंच गए। निधन की सूचना रिश्तेदारों और परिचितों को दी जाने लगी। तभी उसके शरीर में हलचल होने लगी।

By BhanuEdited By: Publish:Wed, 26 Oct 2016 04:00 PM (IST) Updated:Fri, 04 Nov 2016 08:55 AM (IST)
चिता जलाने की तैयारी में थे परिजन, तभी जी उठा और.....

ऋषिकेश, [जेएनएन]: जाको राखे साइयां मार सके न कोय। यह कहावत ऋषिकेश में चरितार्थ हुई। एक मरीज को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। परिजन शव लेकर घर पहुंच गए। निधन की सूचना रिश्तेदारों और परिचितों को दी जाने लगी। अंतिम संस्कार की तैयारी भी शुरू हो गई। तभी जिसे मृत समझ रहे थे, उसके शरीर में हलचल होने लगी।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में यह वाकया चर्चा का विषय बना रहा। गंगा नगर निवासी विजय थपलियाल (48 वर्ष) राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रहे हैं। उनकी इलाज हिमालयन हॉस्पिटल जोलीग्रांट में चल रहा था।

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पिछले कुछ दिनो से विजय को वेंटिलेटर पर रखा गया था। आज सुबह चिकित्सकों ने उन्हें वेंटीलेटर से हटाकर परिजनों को घर ले जाने की सलाह दी। वेंटीलेटर से हटाते ही विजय का शरीर मृतप्राय हो गया।

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परिजन मृत जानकर उन्हें घर लेकर पहुंचे। शरीर में जीवन के कोई लक्षण न देखकर परिजनों ने अपने सगे संबंधियों को निधन की सूचना दे दी। इसके बाद अंतिम संस्कार की भी तैयारी शुरू हो गई। यही नहीं निधन की सूचना पर राजकीय चिकित्सालय में शोक स्वरूप अवकाश भी घोषित कर दिया गया।

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इस बीच सूचना पाकर राजकीय चिकित्सालय की चिकित्सक डॉक्टर रिचा रतूड़ी ने भी विजय के घर पहुंची। उन्होंने जांच की तो विजय के शरीर में हरकत पाई। इसके बाद परिजन तत्काल उसे राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश ले आए। अब उनका इलाज फिर से शुरू हो गया है। इस सूचना के बाद चिकित्सालय में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है।

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