coronavirus: एम्स निदेशक बोले, नर्स से नहीं तीमारदार और मरीज से हुआ कोरोना संक्रमण

एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत ने कहा कि मरीज और तीमारदार से नर्सिंग स्टाफ को संक्रमण हुआ है न कि एम्स स्टाफ से कोई मरीज संक्रमित हुआ है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Thu, 30 Apr 2020 04:46 PM (IST) Updated:Thu, 30 Apr 2020 04:46 PM (IST)
coronavirus: एम्स निदेशक बोले, नर्स से नहीं तीमारदार और मरीज से हुआ कोरोना संक्रमण
coronavirus: एम्स निदेशक बोले, नर्स से नहीं तीमारदार और मरीज से हुआ कोरोना संक्रमण

ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत ने कहा कि मरीज और तीमारदार से नर्सिंग स्टाफ को संक्रमण हुआ है न कि एम्स स्टाफ से कोई मरीज संक्रमित हुआ है। लिहाजा हमें ऐसे कठिन दौर में सेवा में जुटे एम्स स्टाफ को प्रोत्साहित करना चाहिए।

एम्स निदेशक ने बताया कि संस्थान में हल्द्वानी के ब्रेन स्ट्रोक से ग्रसित महिला मरीज को उपचार के लिए लाया गया था, उस समय उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव थी। उस समय उसकी थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई थी। इसके बाद बुखार आने पर कराई गई जांच में मरीज को कोरोना होने की पुष्टि हुई। उसी तरह रुड़की से आए किडनी और कैंसर ग्रसित गंभीर रोगी को भी संस्थान में भर्ती किया गया था। 

इस मरीज के तीमारदार में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन दोनों से ही एम्स का नर्सिग स्टाफ संक्रमित हुआ है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी की इस विकट परिस्थितियों में भी मरीजों की देखभाल कर रहे ऐसे एम्स योद्धा को हमें प्रोत्साहित करना चाहिए, न कि उन्हें कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग एम्स पर कोरोना फैलाने का झूठा आरोप लगाकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। ऐसे लोगों को वर्तमान की कठिन परिस्थितियों में संस्थान कर्मियों के चिकित्सा सेवा के योगदान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

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स्क्रीनिंग के बाद भर्ती किए जाते हैं मरीज

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निदेशक ने कहा कि बरेली से आई महिला और रुड़की की महिला मरीज गंभीर अवस्था में थे। इनका सैंपल लेना उनकी हालत के अनुरूप ठीक नहीं था। ऐसे मरीजों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें शंका मिलने के बाद ही आगे सैंपल की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है। 

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