यहां सिक्कों की बढ़ती संख्या ने बढ़ाई परेशानी, जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए

बाजार में सिक्कों की बहुतायत दुकानदारों से लेकर आम आदमी तक के लिए सिरदर्द बन रही है। हालात यह हैं कि कई दुकानदार इन्हें लेने को तैयार नहीं हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 29 Oct 2019 05:55 PM (IST) Updated:Tue, 29 Oct 2019 05:55 PM (IST)
यहां सिक्कों की बढ़ती संख्या ने बढ़ाई परेशानी, जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए
यहां सिक्कों की बढ़ती संख्या ने बढ़ाई परेशानी, जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए

विकासनगर, जेएनएन। बाजार में सिक्कों की बहुतायत दुकानदारों से लेकर आम आदमी तक के लिए सिरदर्द बन रही है। हालात यह हैं कि कई दुकानदार इन्हें लेने को तैयार नहीं हैं। इसके अलावा दुकानदारों ने एक या दो रुपये के पांच से लेकर दस सिक्कों तक के पैकेट बनाकर बाजार में ग्राहकों को दस रुपये के बदले देना शुरू कर दिया है। सिक्कों के बैंक में जमा नहीं होने को दुकानदार समस्या का कारण बता रहे हैं। 

कहावत तो यह है कि सिक्कों की खनक इंसान के अंदर अलग ही दिखती है। लेकिन पछवादून के बाजारों में सिक्कों की खनक से आम आदमी से लेकर दुकानदार तक सब परेशानी में हैं। दुकानदारों के पास जमा हो रहे एक, दो, पांच और दस रुपये के सिक्कों का बोझ उन पर लगातार बढ़ता जा रहा है। सिक्कों की खपत नहीं होने के चलते रेहड़ा-ठेली वालों से लेकर छोटे-बड़े परचून व रोजमर्रा का सामान बेचने वाले लोगों को सिक्कों को अनावश्यक रुप से अपनी दुकानों और घरों में जमा करना पड़ रहा है। इन हालातों से दुकानदारों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। 

अब दुकानदारों ने अपनी इस परेशानी को कम करने का नायाब तरीका ढूंढ निकाला है, वे एक या दो रुपये के पांच या दस सिक्कों को टेप से जोड़कर एक पैकेट बनाकर ग्राहकों को दस रुपये के बदले दे रहे हैं। व्यापारी नरेश चंद सिंघल, सब्जी विक्रेता गुड्डू़, मंडी व्यापारी सुलेमान अहमद, थोक व्यापारी चंद्रेश कुमार चंपी का कहना है कि बाजार में सिक्कों के बहुतायत के चलते इस प्रकार की समस्या पैदा हुई है। एक, दो और पांच रुपये के सिक्के तो रोजमर्रा की खरीद-फरोख्त के लिए जरूरी हैं, लेकिन दस रुपये के सिक्के के चलन का कोई औचित्य नहीं है। ग्राहक सिक्के के स्थान पर नोट को ज्यादा पसंद करते हैं। इसके अलावा बाजार में चल रहे सिक्कों की संख्या अत्यधिक होने के चलते दुकानदार भी परेशान हो गए हैं, इसलिए उन्होंने सिक्कों को चलाने का यह नया तरीका निकाला है। व्यापारियों का कहना है कि सिक्कों को बैंक में जमा करने की सही व्यवस्था नहीं होने के चलते भी परेशानी बढ़ रही है। 

कई बैंकों में सिक्के लेने के लिए मशीन 

दुकानदार ही नहीं बैंकों के पास भी सिक्कों की भरमार है। यही वजह है कि कुछ बैंकों में ग्राहकों को सिक्के देने के लिए मशीनें लगी हुई हैं, ताकि बैंक में मौजूद रेजगारी बाजार में पहुंच सके। पछवादून के लगभग सभी बैंकों में सिक्कों की कमी नहीं है, ऐसे में बैंकों के सामने उन्हें रखने तक की परेशानी है। आरबीआइ के नियमों के अनुसार बैंकों में करेंसी का रखरखाव बेहद सावधानी से किया जाता है। इसके अलावा बैंक में सिक्के जमा करने में लगने वाला समय व सिक्कों को गिनने में की मेहनत से बचने के लिए अधिकतर बैंक कर्मचारी सिक्के जमा करने के लिए आने वाले लोगों को पैसा जमा करने के लिए मना कर देते हैं। जिसके चलते सिक्के दुकानदारों व व्यापारियों की दुकानों व उनके घरों में ही जमा हो रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: आधार कार्ड के फेर में अटके पीएफ और पेंशन, पढ़िए पूरी खबर

क्या कहते हैं बैंक अधिकारी 

स्थानीय एसबीआइ की शाखा के मुख्य प्रबंधक विरेंद्र सिंह जोशी, हरबर्टपुर पीएनबी शाखा प्रबंधक अनुराग भोला का कहना है कि सिक्के जमा करने के लिए बैंक आने वाले ग्राहकों को बैंक सिक्का जमा करने से मना नहीं कर सकता। लेकिन आम तौर पर बैंकों में रहने वाली भीड़ को देखते हुए इस कार्य के लिए दोपहर बाद के समय को अधिक तरजीह दी जाती है। ऐसे में हो सकता है कि कुछ परेशानी ग्राहकों को होती हों, लेकिन सिक्कों को जमा करने के मामले में बैंक की ओर से कोई कोताही नहीं बरती जाती है। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में भी आधार से जुड़ेगी शहरी क्षेत्र की संपत्ति, पढ़िए पूरी खबर

chat bot
आपका साथी