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उत्तराखंड में भी आधार से जुड़ेगी शहरी क्षेत्र की संपत्ति, पढ़िए पूरी खबर

राज्य के नगर निगम क्षेत्रों में सभी शहरी संपत्तियों को कर के दायरे में लाने के मद्देनजर सरकार यहां भी अरबन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकार्ड योजना लाने की तैयारी में है।

By Edited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 08:19 PM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 10:19 PM (IST)
उत्तराखंड में भी आधार से जुड़ेगी शहरी क्षेत्र की संपत्ति, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में भी आधार से जुड़ेगी शहरी क्षेत्र की संपत्ति, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राज्य के नगर निगम क्षेत्रों में सभी शहरी संपत्तियों को कर के दायरे में लाने के मद्देनजर सरकार यहां भी 'अरबन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकार्ड योजना' लाने की तैयारी में है। इसके लागू होने पर शहरी क्षेत्र की सभी संपत्तियां आधार कार्ड से लिंक हो जाएंगी। इससे जहां नगर निगमों में रिकार्ड दुरुस्त होंगे, वहीं मालिकाना हक से जुड़े विवाद भी हल होंगे। 

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शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के मुताबिक इस सिलसिले में जल्द ही मुख्यमंत्री से वार्ता कर योजना का मसौदा तैयार किया जाएगा। धीरे-धीरे इस मुहिम में अन्य नगर निकायों को भी शामिल किया जाएगा। प्रदेश के आठ नगर निगम क्षेत्रों में तमाम संपत्तियों के मालिकाना हक के मद्देनजर इसका लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में शहरी क्षेत्रों की संपत्ति को लेकर विवाद की स्थिति रहती है। इसके समाधान के मद्देनजर उप्र की भांति राज्य में भी अर्बन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड योजना की तरफ सरकार का ध्यान गया है। 

उप्र सरकार अपने आठ बड़े शहरों में इसे लागू करने की तैयारी में है। कर्नाटक में ऐसी योजना चल रही है। प्रदेश सरकार भी राज्य के सभी आठ नगर निगमों में इस योजना को उतारने की सोच रही है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के अनुसार योजना की राह में चुनौतियां भी कम नहीं हैं, लिहाजा पहले इसके लिए गहन होमवर्क किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे, ताकि योजना के संबंध में आगे की रणनीति तैयार हो सके। 

आधार से लिंक होगी संपत्तियां 

योजना के आकार लेने पर शहरी क्षेत्र की सभी संपत्तियों की आइडी तैयार कर उसे आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। इसमें सभी प्रकार की संपत्तियों से संबंधित लेखा-जोखा होगा। संपत्ति का डिजिटल डोर नंबर भी बनेगा, जिससे सभी अभिलेख निगम के पास सुरक्षित रहेंगे। साथ ही इनसे विवादों का निस्तारण भी तुरंत हो सकेगा। 

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