निगम में हार का भाजपा को मलाल, प्रत्याशी चयन पर सवाल

नगर निकाय चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद भाजपा को हरिद्वार और कोटद्वार नगर निगम महापौर पद पर करारी शिकस्त की जिम्मेदारी लिए पार्टी में अंदरखाने जोरदार सियासत शुरू हो गई है।

By Edited By: Publish:Thu, 29 Nov 2018 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 29 Nov 2018 11:17 AM (IST)
निगम में हार का भाजपा को मलाल, प्रत्याशी चयन पर सवाल
निगम में हार का भाजपा को मलाल, प्रत्याशी चयन पर सवाल

देहरादून, [विकास धूलिया]: नगर निकाय चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद भाजपा को हरिद्वार और कोटद्वार नगर निगम महापौर पद पर करारी शिकस्त का मलाल है, लेकिन अब इसके लिए जिम्मेदारी निर्धारित करने को लेकर पार्टी में अंदरखाने जोरदार सियासत शुरू हो गई है। वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और कोटद्वार के विधायक डॉ. हरक सिंह रावत ने यह कहकर इस मसले को नया मोड़ दे दिया है कि उन्हें स्थानीय विधायक व प्रभारी होने के बावजूद टिकट देने से पहले पूछा ही नहीं गया। बकौल रावत, 'अगर मुझसे पूछ कर प्रत्याशी तय किया जाता तो भाजपा शत प्रतिशत कोटद्वार महापौर पद पर जीत दर्ज करती।' 

हालिया निकाय चुनाव में भाजपा ने अब तक का सबसे दमदार प्रदर्शन किया। कुल 84 निकायों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने 34 निकाय प्रमुख पदों पर जीत दर्ज की। राज्य के आठ नगर निगमों में से रुड़की को छोड़कर सात पर चुनाव हुए और इनमें से पांच निगमों में महापौर पद भाजपा के हिस्से गया। 

केवल हरिद्वार और कोटद्वार, दो नगर निगम ऐसे रहे, जहां भाजपा को कांग्रेस के हाथों करारी शिकस्त से रूबरू होना पड़ा। कोटद्वार में तो भाजपा मुख्य मुकाबले का हिस्सा ही नहीं बन पाई और तीसरे स्थान पर रही, जबकि दूसरा स्थान भाजपा से बगावत कर मैदान में उतरी निर्दलीय प्रत्याशी को मिला। 

कोटद्वार में पार्टी प्रत्याशी की हार को लेकर अब स्थानीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने यह कहकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है कि प्रत्याशी तय करने में उनकी कोई भूमिका थी ही नहीं। 

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में डॉ. रावत कह रहे हैं, 'कोर ग्रुप का सदस्य और कोटद्वार का प्रभारी होने के बावजूद मुझसे इस संबंध में नहीं पूछा गया। अगर पूछा जाता तो मैं पार्टी और कोटद्वार के हित में सही राय देता और प्रत्याशी शत प्रतिशत जीत दर्ज करता।' 

रावत के इस बयान के बाद भाजपा में हलचल है। निकाय चुनाव नतीजे आने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि कोटद्वार में पराजय का ठीकरा किस पर फूटता है लेकिन इससे पहले ही हरक सिंह रावत के इस बयान ने मामले को और ज्यादा पेचीदा बना दिया है। 

जिसे टिकट मिला, जनता ने उसे किया अस्वीकार 

कैबिनेट मंत्री व विधायक कोटद्वार डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार पार्टी ने जिसे टिकट दिया, जनता ने उसे अस्वीकार कर दिया। मैं कोटद्वार की स्थिति जानता था कि कौन कितने पानी में है। इसके बावजूद जब पार्टी ने प्रत्याशी तय कर दिया तो चुनाव में पूरा कार्य किया। हालांकि इस संबंध में मैं टिकट वितरण के बाद प्रदेश अध्यक्ष को जानकारी दे चुका था।

चुनाव में हारजीत तो लगी रहती हैः अजय भट्ट 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के अनुसार चुनाव में तो हार-जीत लगी ही रहती है। यह विवाद का विषय नहीं है। जहां तक कोटद्वार में प्रत्याशी चयन का सवाल है, बीस सदस्यीय चुनाव संचालन समिति ने लगभग साढे़ चार घंटे के विचार-विमर्श के बाद महापौर पद के प्रत्याशियों के नाम फाइनल किए।

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