400 तरह के बीजों से बन सकता है बायोफ्यूल, जानिए

भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक डॉ अंजन रे ने बताया कि देश में चार सौ बीज ऐसे हैं जिनसे बायोफ्यूल तैयार किया जा सकता है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 24 Oct 2018 04:32 PM (IST) Updated:Sun, 28 Oct 2018 08:30 AM (IST)
400 तरह के बीजों से बन सकता है बायोफ्यूल, जानिए
400 तरह के बीजों से बन सकता है बायोफ्यूल, जानिए

देहरादून, [जेएनएन]: देश में करीब 400 प्रकार के ऐसे बीज हैं, जिनसे तेल निकालकर बायोफ्यूल बनाया जा सकता है। इसके लिए हमारे पास उपयुक्त तकनीक भी है, सिर्फ कमी एक बेहतर सप्लाई चेन की है। जिससे बायोमास को प्रयोगशाला तक या प्लांट तक लाया जा सके। यह बात भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) के निदेशक डॉ. अंजन रे ने वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस पर कही। 

'डीएन वाडिया ऑनर लेक्चर' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आइआइपी के निदेशक डॉ. रे ने कहा कि देश में पांच प्रकार के ईंधन (पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल, फर्नस ऑयल, एलपीजी-सीएनजी-पीएनजी) का इस्तेमाल करते हैं। पांचों फ्यूल के लिए देश में बेहतर बायोमास उपलब्ध है, जिससे इन ईंधन पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। कुछ साल पहले एथेनॉल व बायो डीजल ब्लेंडिंग के रूप में प्रयास भी किया गया था। हालांकि इसमें न सिर्फ काफी समय लग गया, बल्कि इसके रॉ-मटीरियल सीमित रखे गए।

हालांकि अब देश में बायोमास के काफी विकल्प हैं। इस समय देश में करीब 400 तरह के बीज हैं, जिनसे बायोफ्यूल बनाया जा सकता है। इसके अलावा जंगल में आग का प्रमुख कारण बनने वाले पिरूल, पराली, सड़ी-गली सब्जियां, फसलों के अवशेष, वेस्ट प्लास्टिक आदि से भी बायोफ्यूल बनाया जा सकता है। खासकर 11 हिमालयी राज्यों में बायोमास अधिक मात्रा में हैं, जिनका प्रयोग बायोफ्यूल में किया जा सकता है। 

उनका कहना है कि बात फिर सप्लाई चेन पर आकर अटक जाती है। लिहाजा, सबसे पहले रॉ-मटीरियल उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किया जाना चाहिए। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक डॉ. मीरा तिवारी, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. फिलिप, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, डॉ. एसएस भाकुनी आदि उपस्थित रहे। 

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