सहकारिता में वर्चस्व को लेकर भाजपा के सामने बड़ी चुनौती

सहकारिता के तहत बहुद्देश्यीय समितियों यानी पैक्स के चुनाव 23 जुलाई से पहले होने हैं। भाजपा के सामने यह चुनाव भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 30 May 2018 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 31 May 2018 05:08 PM (IST)
सहकारिता में वर्चस्व को लेकर भाजपा के सामने बड़ी चुनौती
सहकारिता में वर्चस्व को लेकर भाजपा के सामने बड़ी चुनौती

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: निकाय चुनाव को लेकर तस्वीर साफ होने में भले ही वक्त हो, लेकिन सहकारिता के तहत बहुद्देश्यीय समितियों यानी पैक्स के चुनाव 23 जुलाई से पहले होने हैं। ऐसे में भाजपा ने इनमें वर्चस्व कायम करने के लिए कसरत तेज कर दी है। वजह ये कि सहकारिता में अभी तक कांग्रेस का दबदबा रहा है। सूरतेहाल, भाजपा के सामने यह चुनाव भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं। 

प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सत्तासीन हुई भाजपा पहली मर्तबा थराली उपचुनाव के जरिए जनता के बीच गई। इसमें जनता ने क्या फैसला दिया है, यह जल्द ही साफ हो जाएगा, लेकिन आने वाले दिन चुनावों से भरे हैं। 

इस कड़ी में सहकारिता के तहत बहुद्देश्यीय समितियों (प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियां यानी पैक्स) के चुनाव 23 जुलाई से पहले होने हैं। इसकी तैयारियां चल रही हैं। राज्य सहकारिता निर्वाचन प्राधिकरण जल्द ही न सिर्फ पैक्स बल्कि अन्य सहकारी संस्थाओं के चुनाव का कार्यक्रम तय करने जा रहा है। इसे देखते हुए सहकारिता चुनावों को लेकर सियासी दलों ने कसरत प्रारंभ कर दी है। 

सत्तारूढ़ भाजपा के लिहाज से देखें तो उसके लिए यह चुनाव किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। भाजपा के सामने जहां सहकारिता में विस की तरह प्रदर्शन दोहराने के साथ ही कांग्रेस के वर्चस्व को तोड़ने की चुनौती है। भाजपा ने सहकारिता चुनाव के लिए इसी हिसाब से तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। 

सूत्रों की मानें तो 759 बहुद्देश्यीय समितियों के लिए पैनल तैयार किए जा चुके हैं। निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण और आरक्षण की व्यवस्था होते ही इसी के अनुसार पार्टी से जुड़े लोगों को चुनाव लड़ाया जाएगा। पार्टी के एक प्रांतीय पदाधिकारी ने कहा कि न सिर्फ बहुद्देश्यीय समितियों बल्कि अन्य शीर्ष सहकारी संस्थाओं में भी इस मर्तबा भाजपा का परचम लहराएगा।

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