कहीं आपकी ही वजह से तो पोषण से दूर नहीं बच्चा, इन बातों का रखें ख्याल

अपने बच्चे को जंक फूड का शिकार जाने-अनजाने में आप खुद भी बना रहे हैं। पोषक तत्व नहीं मिलने से बच्चोंं में बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

By BhanuEdited By: Publish:Wed, 05 Feb 2020 02:04 PM (IST) Updated:Wed, 05 Feb 2020 02:04 PM (IST)
कहीं आपकी ही वजह से तो पोषण से दूर नहीं बच्चा, इन बातों का रखें ख्याल
कहीं आपकी ही वजह से तो पोषण से दूर नहीं बच्चा, इन बातों का रखें ख्याल

देहरादून, जेएनएन। अपने बच्चे को जंक फूड का शिकार जाने-अनजाने में आप खुद भी बना रहे हैं। आज भले ही अभिभावक बच्चे को उसकी खुशी के लिए कभी लंच बॉक्स में तले-भुने स्नैक्स, पेटीज या फिर उसका पसंदीदा बर्गर दे रहे हैं, लेकिन यह खाना उसे बीमारियों की तरफ धकेल रहा है। इसकी वजह से ही बच्चे जरूरी पोषण से दूर होते जा रहे हैं। 

आमतौर पर होता यह है कि महिलाएं सुबह उठकर बच्चे का लंच बॉक्स बड़े प्यार से पैक करती हैं, लेकिन वे उसे खाते नहीं और कभी-कभार वापस ले आते हैं। ऐसे में मां बच्चे को खुश रखने के लिए लंच में उनकी पसंद का जंक फूड या फास्ट फूड देने लगती हैं। जिससे वह भूखा न रहे। 

दूसरा पहलू यह है कि महिलाएं खुद जल्दबाजी में टिफिन में फास्ट फूड या जंक फूड पैक कर देती हैं। इससे बच्चों का पेट तो भरता है, लेकिन भरपूर पोषण नहीं मिलता। वह बीमारियों की गिरफ्त में आते हैं, सो अलग। विशेषज्ञ मानते हैं कि बच्चों के लंच बॉक्स में खाना ऐसा होना चाहिए, जो उन्हें दिनभर ऊर्जावान बनाए रखे।   

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की डायटीशियन ऋचा कुकरेती के अनुसार हर रोज एक ही प्रकार का खाना खाकर बच्चे भी ऊब जाते हैं। ऐसे में खाने के प्रति रुचि पैदा करने के लिए उनके लंच में हर रोज कुछ नयापन लाना चाहिए। यह ध्यान रहे कि बच्चे को जो भी टिफिन में दे, उसमें पौष्टिकता भरपूर हो। 

विभिन्न अध्ययन बताते हैं कि करीब 50 प्रतिशत बच्चों के लंच बॉक्स में सैचुरेटेड फैट, नमक और चीनी की मात्रा ज्यादा होती है। जिनमें चॉकलेट, जैम, जेली आदि प्रमुख है। इसके अलावा जंक फूड भी उनके लंच बॉक्स का प्रमुख हिस्सा हैं। पौष्टिक आहार नहीं मिल पाने के कारण बच्चे का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता है। 

कुछ मां-बाप बच्चे की जिद पर उसे लंच बॉक्स के बजाय रुपये भी दे देते हैं। जिससे वह स्कूल की कैंटीन या फिर बाहर अपनी पसंदीदा चीज खरीदकर खाता है और बीमारी की जद में आ जाता है। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। यह ऐसी उम्र है, जब बच्चा खानपान की आदतें सीख रहा होता है। ऐसे में उसे सही राह दिखाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की भी है। 

इन बातों का रखें ख्याल 

-सुबह स्कूल जाने से पहले आप बच्चे को हल्का-फुल्का ब्रेकफास्ट दें। तला-भुना बिल्कुल भी न दें।

-जंक फूड जैसे मैगी, पास्ता आदि टिफिन में कम ही रखें। 

-लंच बॉक्स में मिनिरल, विटामिन, कैल्शियम आदि से भरपूर चीजें जैसे फल, रोटी-सब्जी, पनीर रोल आदि दे सकते हैं। 

-टिफिन में ड्राई फ्रूट जैसे काजू, पिस्ता और बादाम रखना भी अच्छा विकल्प है। 

-अक्सर बच्चा रोटी या सब्जी खाते-खाते उब जाता है। आप उसके लंच में वेज पोहा, वेज सैंडविच, अंकुरित चीजें, फ्रूट एंड वेज सैलेड आदि दे सकते हैं। 

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बच्चों को सिखाएं सही आदत

-उन्हें हेल्दी और संतुलित डाइट की जरूरत के बारे में बताएं।

-उन्हें यह भी समझाएं कि वे क्या खा रहे हैं और कितनी मात्रा में खा रहे हैं।

-टिंड फूड, टिंड पैक्ड फूड आदि नजरअंदाज करने को कहें और उन्हें समझाएं कि जो भी खाएं ताजा खाएं।

-पूरा परिवार साथ बैठकर हेल्दी डाइट लें, जिसमें प्रचुर मात्रा में कैलोरी और न्यूट्रीएंट्स मौजूद हों।

-पढ़ाई, खेल और अन्य जरूरी कार्यों के बीच भी वक्त पर भोजन और शॉर्ट मील्स लेने की आदत उसमें शुरू से डालें।

-नियमित तौर पर हर रोज तीन टाइम का हेल्दी खाना और दो टाइम का हेल्दी स्नैक्स लेने के लिए कहें ताकि उसके शरीर को प्रचुर मात्रा में कैलोरी मिल पाए।

-स्कूल जाने वाले बच्चों के लंच बॉक्स में हेल्दी मील के साथ दो शॉर्ट मील्स भी दें ताकि वह स्कूल की कैंटीन से अनहेल्दी फूड न लें।

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