Coronavirus: कोरोना काल में बढ़ते तनाव से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके, जानिए
मानसिक तनाव को खाली समय में अच्छा साहित्य पढ़कर या दोस्तों के साथ व्यस्त रहकर कम किया जा सकता है। साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग और व्यायाम किया जा सकता है।
ऋषिकेश, जेएनएन। Coronavirus कोरोना महामारी के दौर में पैदा हो रहे मानसिक तनाव को खाली समय में अच्छा साहित्य पढ़कर या दोस्तों के साथ व्यस्त रहकर कम किया जा सकता है। इसके साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग और व्यायाम किया जा सकता है। ये कहना है ऋषिकेश एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत का है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश और उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में आयोजित वेबिनार में कोविड-19 के दौर में युवाओं को मनोविकारों से उबारने और बचाव विषय पर चर्चा की गई। बेबिनार में दुनियाभर से करीब 250 विज्ञानियों चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा कि कोविड-19 का प्रकोप दिसंबर 2021 तक रह सकता है। लिहाजा हमें इस महामारी के साथ रहने ही आदत डालनी होगी और स्वयं के कौशल का विकास करना होगा।
उन्होंने कहा कि स्वयं को अकेला महसूस कर रहे, मानसिक तनाव की स्थिति से गुजर रहे युवाओं को मनोरंजन के साधनों और सकारात्मक वीडियो संदेश आदि माध्यमों से स्वयं को जोड़कर दिनचर्या को व्यस्त रखना चाहिए। युवाओं को खाली समय में किसी न किसी रचनात्मक कार्य, पुस्तकों का अध्ययन आदि में स्वयं को व्यस्त रखना चाहिए।
यूसर्क के निदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने कहा कि परीक्षा में श्रेष्ठ प्रदर्शन की माता-पिता की अपेक्षा के कारण बच्चे दबाव में रहते हैं, जो उचित नहीं है। ऐसे अवसरों पर माता-पिता को चाहिए कि वह भावनात्मक तौर पर बच्चों को समझें और उनके प्रति सहयोगात्मक रवैया अपनाएं। यूके के नेशनल हेल्थ सर्विस से जुड़े मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएन चावला ने कहा कि युवाओं में एक-दूसरे के प्रति सहयोगात्मक भावना होनी चाहिए। उन्होंने कोविड काल में मानसिक पटल पर बढ़ते तनाव और अवसाद की स्थितियों से उबरने के लिए नियमित तौर पर ध्यान और व्यायाम को अपनाने की सलाह दी।
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एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के डॉ. ब्रूजली अब्राह्म ने कहा कि कोविड जैसी महामारी के इस भयावह दौर में हमें अकेलेपन से बचना चाहिए। लिहाजा मित्रों व पारिवारिक सदस्यों के साथ समय बिताकर हम मनोविकारों व अवसाद से स्वयं का बचाव कर सकते हैं। इस अवसर पर आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डॉ. संतोष कुमार, डॉ. मंजू सुंद्रियाल, डॉ. संतोष कुमार आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
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