Atal Ayushman Scheme: अब 29 फरवरी तक बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड

अटल आयुष्मान गोल्डन कार्य बनने की अवधि 29 फरवरी 2020 तक बढ़ा दी गई है। पहले यह तिथि 25 जनवरी तक निर्धारित थी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 27 Jan 2020 04:44 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jan 2020 04:44 PM (IST)
Atal Ayushman Scheme: अब 29 फरवरी तक बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड
Atal Ayushman Scheme: अब 29 फरवरी तक बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड

देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान गोल्डन कार्य बनने की अवधि 29 फरवरी, 2020 तक बढ़ा दी गई है। पहले यह तिथि 25 जनवरी तक निर्धारित थी। अटल आयुष्मान राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के निदेशक प्रशासन डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने इस आशय का पत्र प्रदेश के सभी जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और संबंधित संस्थानों को प्रेषित किए जो गोल्डन कार्ड बनाने के लिए अधिकृत हैं। 

उन्होंने शनिवार को बयान जारी कर बताया कि इस विशेष अभियान के दौरान अधिकतर लाभार्थियों की ओर से गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं, लेकिन अभी भी कुछ परिवार गोल्डन कार्ड नहीं बना पाए हैं। इससे छूटे हुए लोगों को इसका लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अटल आयुष्मान योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को गोल्डन कार्ड बनवाना अनिवार्य है। 

इसके लिए आशा कार्यकर्ता और राजकीय चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज के आरोग्य मित्रों को मानदेय और पुरस्कार देने का भी प्रावधान किया है, जिससे वह अधिक से अधिक परिवार और उनके प्रत्येक सदस्यों के गोल्डन कार्ड बनवाएं। उन्होंने बताया कि 25 जनवरी से 29 फरवरी तक चलाए जाने वाले विशेष अभियान के दौरान राजकीय चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेज के आरोग्य मित्रों को अधिक गोल्डन कार्ड बनाने के लिए यदि अतिरिक्त लॉग इन आइडी की आवश्यकता है तो राज्य स्वास्थ्य अभिकरण अतिरिक्त लॉग इन आइडी देगा। 

आइटीबीपी और एसएसबी के अस्पताल भी आयुष्मान में 

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अंतर्गत आइटीबीपी, एसएसबी और सेंट्रल आर्मड पुलिस फोर्सेस के नौ अस्पतालों को भी सूचीबद्ध किया गया है। यह सभी अस्पताल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्थित हैं। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के निदेशक प्रशासन डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने इस बाबत संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भेजकर सूचित किया है। 

पत्र में कहा गया है कि आइटीबीपी और एसएसबी के चिकित्सालय सरकारी हैं। आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को इन चिकित्सालयों में बिना रेफर किए हुए सीधे उपचार की सुविधा मिलेगी। बताया गया कि आयुष्मान योजना में जिन चिकित्सालयों को शामिल किया गया है उनमें औली स्थित आइटीबीपी का चिकित्सालय/ एमआइ, ग्वालदम स्थित एसएसबी का अस्पताल, गौचर स्थित आइटीबीपी की आठवीं वाहिनी का चिकित्सालय, चंपावत स्थित एसएसबी का यूनिट अस्पताल, देहरादून सीमाद्वार स्थित आइटीबीपी का चिकित्सालय, नैनीताल के हल्दूचौड़ स्थित आइटीबीपी की 34वीं बटालियन का यूनिट अस्पताल, उत्तरकाशी के महिडांडा स्थित आइटीबीपी की 35वीं बटालियन का चिकित्सालय और उत्तरकाशी के मातली स्थित आइटीबीपी की 12वीं वाहिनी का चिकित्सालय शामिल है। इन अस्पतालों में मरीजों को जनरल मेडिसिन, आफ्थोमोलॉजी, डेंटल, पेडियाट्रिक्स, प्रसूति रोग और सर्जरी की सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 37 लाख गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। 

दून अस्पताल की तीन ओपीडी नए भवन में होंगी शिफ्ट 

सर्जरी, ऑर्थो और मेडिसिन की ओपीडी भी अब दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल (दून अस्पताल) के नए ओपीडी भवन में शिफ्ट होंगी। ओपीडी मरीजों के लिए एक्सरे-अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी इस भवन में ही मिलेंगी, जबकि भर्ती मरीजों के लिए पुरानी बिल्डिंग में भी एक्सरे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलेगी। 

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शनिवार को दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोश सयाना ने नए ओपीडी भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए कि अगले 15 दिन में सर्जरी, ऑर्थो और मेडिसिन की ओपीडी भी नई बिल्डिंग में शिफ्ट की जाए। प्राचार्य भी खुद रोजाना दो घंटे नए ओपीडी भवन में बैठेंगे। गर्भवती महिलाओं की दिक्कतों को देखते हुए उनकी ओपीडी पुरानी बिल्डिंग में ईएनटी और ऑर्थो की ओपीडी की जगह की जाएगी। नए ओपीडी ब्लॉक में उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों को रेडियोलॉजी जांच के लिए पुरानी बिल्डिंग नहीं आना पड़ेगा, क्योंकि ओपीडी में आने वाले मरीजों को एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जांच की व्यवस्था भी नई बिल्डिंग में की जा रही है। 

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हालांकि अस्पताल में भर्ती मरीजों को यह सुविधा पुरानी बिल्डिंग में स्थित एक्सरे और अल्ट्रासाउंड कक्ष में मिलेंगी। इस दौरान अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा, ऑर्थो के एचओडी डॉ. अनिल जोशी, डॉ. अभय कुमार, फार्मेसी अधिकारी बीएस कलूड़ा, अशोक उनियाल, सुधा कुकरेती, महेंद्र भंडारी आदि मौजूद रहे। 

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