त्यूणी व चौसाल में इस बार 40 फीसद कम रहा सेब का उत्पादन

देहरादून जनपद के सबसे अधिक सेब उत्पादन वाले उद्यान सचल दल केंद्र त्यूणी व चौसाल क्षेत्रंतर्गत इस बार सेब उत्पादन चालीस फीसद कम रहा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 08:07 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 08:07 PM (IST)
त्यूणी व चौसाल में इस बार 40 फीसद कम रहा सेब का उत्पादन
त्यूणी व चौसाल में इस बार 40 फीसद कम रहा सेब का उत्पादन

देहरादून, जेएनएन। देहरादून जनपद के सबसे अधिक सेब उत्पादन वाले उद्यान सचल दल केंद्र त्यूणी व चौसाल क्षेत्रंतर्गत में इस बार सेब उत्पादन 40 फीसद कम रहा। त्यूणी व चौसाल के दौरे पर आए उद्यान विभाग के अधिकारियों के सर्वे में यह बात सामने आई। बागवानों ने अधिकारियों से जल्द से जल्द साठ हजार पेटियां व ग्रेडिंग मशीन देने की मांग की।

बुधवार को वरिष्ठ उद्यान अधिकारी प्रेम प्रकाश रावत व प्रभारी उद्यान अधिकारी आरपी जसोला ने सीमांत क्षेत्र के उद्यान सचल दल केंद्र त्यूणी व चौसाल से जुड़े कूणा, निनूस, बागी, चौसाल, ओवरासेर, डिरनाड़, भूठ, फनार, कथियान, शिलगांव, किस्तुड़ व देवघार क्षेत्र का भ्रमण कर उद्यान कार्यों का भौतिक सत्यापन किया। अधिकारियों ने क्षेत्र में ग्रामीण बागवानों के उद्यान कार्यों पर संतोष जताया। उद्यान अधिकारियों ने फलोत्पादन की स्थिति भी जानी। 

उद्यान अधिकारी आरपी जसोला ने बताया कि क्षेत्र के कम ऊंचाई वाले इलाकों में सेब तुड़ान के लिए तैयार हो गए हैं। जिनका तुड़ान कार्य 20 जुलाई के बाद शुरू हो जाएगा। जबकि अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में सेब तुड़ान सितंबर माह में शुरू होगा। इस बार मौसम के साथ नहीं देने से सेब और अन्य पर्वतीय फलों के उत्पादन में पिछले बार के मुकाबले 40 फीसद से ज्यादा गिरावट आई है। 

त्यूणी व चौसाल केंद्र से जुड़े इलाकों में पिछले बार नौ हजार मीटिक टन सेब का उत्पादन हुआ था। उद्यान अधिकारियों ने ग्रामीण किसान व बागवानों से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर समस्याएं जानी। क्षेत्र के बागवानों ने उद्यान अधिकारियों से सेब के लिए 60 हजार पेटियां तुड़ान कार्य से पहले उपलब्ध कराने व ग्रेडिंग मशीन देने की भी मांग की। एडीओ उद्यान आरपी जसोला ने बताया कि बागवानों की सुविधा के लिए मुख्यालय को 40 हजार पेटियां जल्द उपलब्ध कराने की डिमांड भेजी गई है। जिससे सेब तुड़ान के दौरान बागवानों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो। इस दौरान बागवान ब्रह्मानंद शर्मा, महिमानंद, भरत सिंह, गोविंद आदि मौजूद रहे।

मलबे व गड्ढों ने बढ़ाई ग्रामीणों की दिक्कतें

पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते हईया- अलसी- सकनी मोटर मार्ग पर जगह- जगह मलबा जमा हो गया है। बारिश के कारण मार्ग पर गहरे गड्ढे होने से ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को अपनी नकदी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने में हो रही है। ग्रामीणों ने लोनिवि अधिकारियों से जेसीबी लगाकर मलबा हटवाने व गड्ढों की मांग की है।

विकास खंड कालसी के अंतर्गत लोनिवि साहिया के अधीन हईया- अलसी- सकनी मोटर मार्ग पिछले 16 सालों से कच्चा है। रोड के डामरीकरण की मांग को लेकर ग्रामीण कई बार अधिशासी अभियंता से गुहार लगा चुके हैं। करीब नौ किलोमीटर लंबा यह मोटर मार्ग पिछले कई माह से जर्जर है, पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते मोटर मार्ग की हालत और भी खराब हो चुकी है। 

मार्ग पर जगह- जगह मलबा व बरसाती पानी आने से सड़क पर गड्ढे बढ़ने लगे हैं। जिससे ग्रामीणों के साथ- साथ वाहन चालकों को बड़ी परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी दो पहिया वाहन चलाने वालों को हो रही है। स्थानीय निवासी मोहन सिंह, अमित बिष्ट, दिनेश बिष्ट, मुन्ना सिंह, टीकम सिंह बिष्ट, संतराम बिष्ट, कृपा राम बिष्ट आदि का कहना है कि कई बार विभागीय अधिकारियों से सड़क पक्की कराने की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। 

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आजकल मलबा आने से आवागमन में दिक्कतें बढ़ गई है। मलबा हटवाने के लिए विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई जा चुकी है। उधर, लोनिवि साहिया के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह के अनुसार जेई को सड़क पर आए मलबे को हटाने के निर्देश दे दिए हैं।

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