मक्का की फसल को लील रही सुंडी, किसान परेशान; बरतें ये सावधानियां
मक्का की फसल में सुंडी का प्रकोप बढ़ गया है। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के विज्ञानी ने किसानों को सुंडी और अन्य रोग से फसल को बचाने के टिप्स दिए।
By Edited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 08:20 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 08:06 AM (IST)
विकासनगर(देहरादून), जेएनएन।। पछवादून में मक्का की फसल में सुंडी का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे किसानों में बेचैनी बढ़ गई है। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के विज्ञानी डॉ. संजय सिंह ने आदूवाला, जुडली, कुंजाग्रांट, रामगढ़, ढकरानी, घमोलो और राजावाला में भ्रमण कर किसानों को सुंडी और अन्य रोग से फसल को बचाने के टिप्स दिए।
आजकल मक्का की फसल में बढ़वार का समय है। किसान निराई-गुड़ाई का भी कार्य कर रहे हैं। मक्का की फसल से बेहतर उत्पादन के लिए बुआई से पहले 30 दिन तक खेत को खरपतवार मुक्त रखा जाना आवश्यक होता है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. संजय सिंह ने किसानों को टिप्स दिए कि खड़ी फसल में बुआई के 15 से 20 दिन के बाद उचित खरपतवार नाशक दवा टेंबीट्रेर्न का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बार मक्का की फसल में फाल आर्मी सुंडी का प्रकोप हो रहा है, जिसमें पौधे का ऊपर का भाग पत्तियों सहित सुंडी खाकर नष्ट कर रही है।
पत्तियों में जगह जगह पर छेद दिखाई दे रहे हैं, जिससे पौधे की बढ़वार पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। किसानों को सलाह दी गई कि प्रति एकड़ फसल में 200 लीटर पानी की आवश्यकता होगी। इसमें किसी एक रसायन का घोल बनाकर छिड़काव करना लाभप्रद होगा। इनमें इंडोक्साकार्ब की एक मिली लीटर मात्रा प्रति लीटर पानी या क्लॉराएंट्रीपनल या स्पाइनओंसैड की 0.4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से कीट का नियंत्रण प्रभावी रूप से हो जाएगा।
छिड़काव करते समय किसान को कुछ सावधानियां रखनी होंगी, जैसे जब मौसम साफ हो, तभी छिड़काव करना चाहिए। घोल के साथ दवा को चिपकाने के लिए स्टिकर या शैंपू का इस्तेमाल किया जा सकता है। विज्ञानी ने किसानों को समझाया कि तेज धूप में दवा का छिड़काव न करें। मक्का के प्रक्षेत्र भ्रमण में सहकारी समिति हरबर्टपुर अध्यक्ष संदीप त्यागी, किसान गोपाल डबराल, नरेश कुमार, महेंद्र सिंह, भूपेंद्र कुमार, जितेंद्र सिंह, ऋषि पाल सिंह, इलियास अहमद, सरफराज खान आदि मौजूद रहे।
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