योजनाओं के लाभ को पात्र दीनहीन तरसे, खातों में करोड़ों अटके

राज्य में वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग भरण पोषण पेंशन, छात्रवृत्ति के लिए पात्र तरस रहे हैं। सरकार से मिली धनराशि को पात्रों तक पहुंचने में खुद ही अधिकारी बाधा बने हैं।

By BhanuEdited By: Publish:Thu, 18 Jan 2018 08:49 AM (IST) Updated:Thu, 18 Jan 2018 08:50 PM (IST)
योजनाओं के लाभ को पात्र दीनहीन तरसे, खातों में करोड़ों अटके
योजनाओं के लाभ को पात्र दीनहीन तरसे, खातों में करोड़ों अटके

देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: राज्य में एक ओर बेबस और गरीब लोग वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग भरण पोषण पेंशन, छात्रवृत्ति के लिए तरस रहे हैं, वहीं जिला समाज कल्याण अधिकारी सरकार से मिली धनराशि पात्रों तक पहुंचने में खुद ही बाधा बनकर खड़े हो गए। 

नतीजतन जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय में 5.73 करोड़ की धनराशि बैंक खातों में बंधक बनकर रह गई। इसीतरह जिला समाज कल्याण अधिकारी रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर की लापरवाही के चलते पिछड़े वर्ग की छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई। उक्त दोनों जिलों में सात करोड़ से ज्यादा धनराशि में अनियमितताएं ऑडिट में पकड़ी गई हैं।

समाज कल्याण महकमे में सरकारी धन के दुरुपयोग और अनियमितता का खुलासा 'दैनिक जागरण' पहले भी कर चुका है। अब ऑडिट में जिला समाज कल्याण अधिकारी भीमताल, नैनीताल और जिला समाज कल्याण अधिकारी रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर के स्तर पर वर्ष 2016-17 में बरती गईं अनियमितताएं चौंकाने वाली हैं। समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं की 593.57 लाख की धनराशि बैंक खातों में पड़ी रह गई। कार्यालय के अभिलेखों और बैंक लेजर के मुताबिक उक्त वित्तीय वर्ष के आखिर में अवशेष धनराशि 401.67 लाख दर्शाई गई थी। 

191.90 लाख की राशि का यह अंतर बड़ी अनियमितता की ओर इशारा कर रहा है। वही विकलांग भरणपोषण अनुदान से लाभान्वित लाभार्थियों की प्राप्ति रसीद में 1.10 लाख की राशि अनुपलब्ध रह गई। सरकारी धन के गोलमाल का अंदाजा इससे लग सकता है कि 19 लाभार्थियों को यह राशि मनीऑर्डर से भेजा गया, लेकिन पात्रों को राशि मिलने की पावती रसीद नहीं मिल पाई। 

इसी तरह हल्द्वानी ब्लॉक में राष्ट्रीय पारिवारिक योजना से लाभान्वित 262 में से मात्र 39 लाभार्थियों की धनराशि प्राप्ति रसीदें उपलब्ध हुईं। इसीतरह सालाना आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष छात्रवृत्ति की 223.20 लाख की राशि को समर्पित किए जाने से फर्जीवाड़े के अंदेशे को नकारा नहीं जा सकता। वृद्धावस्था पेंशन की 35.84 लाख की धनराशि बांटी नहीं जा सकी।

हालांकि इस राशि को कोषागार से निकालकर महकमे के खाते में जमा कराया गया था। गौरादेवी कन्या धन की 123.50 लाख की राशि अनुसूचित जाति के परिवारों की बालिकाओं के खातों में न भेजकर वित्तीय अनियमितता की गई। 

राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास पाइंस व निशांत परिसर स्थित दो हॉस्टल में भोजन व्यवस्था के लिए खरीद में प्रोक्योरमेंट नियमों का पालन नहीं किया गया। 

खातों में जमा रहे 155.61 लाख 

ऑडिट में जिला समाज कल्याण अधिकारी रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर के खाते में जमा 155.61 लाख में से 23.30 लाख की राशि पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति की थी। शेष धनराशि किसी मद की थी, यह ब्योरा ही महकमे के पास नहीं था। 

विभिन्न ब्लॉकों से कुल 534 आवेदन पत्रों में से प्राप्त बजट के सापेक्ष 107 आवेदन पत्र मंजूर किए गए, लेकिन लाभार्थियों को भुगतान नहीं किया गया। कोषागार से निकाली गई 53.50 लाख की राशि लाभार्थियों के खाते में डाली नहीं जा सकी। इसीतरह राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत 353 लाभार्थियों से 70.60 लाख की प्राप्ति की रसीद न लेकर वित्तीय गड़बड़ी उजागर हुई। 

विकलांग दंपत्तियों की शादी के अनुदान की 8.25 लाख की राशि स्वीकृत 33 लाभार्थियों को नसीब नहीं हो पाई। इसे नियम विरुद्ध तरीके से विभाग के खाते में रखा गया।

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