छह नए विकास प्राधिकरण होंगे गठित: मुख्यमंत्री

राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि सरकार जल्द ही छह नए विकास प्राधिकरण का गठ

By Edited By: Publish:Fri, 26 Aug 2016 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 26 Aug 2016 01:01 AM (IST)
छह नए विकास प्राधिकरण होंगे गठित: मुख्यमंत्री

राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि सरकार जल्द ही छह नए विकास प्राधिकरण का गठन करेगी। ये प्राधिकरण प्रदेश स्तर नहीं, बल्कि स्थान विशेष के विकास को ध्यान में रखते हुए गठित किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक क्षेत्रों में विकास कार्यो को गति दी जा सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र के सहयोग से पर्वतीय मार्गो सुरक्षित करने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को राजधानी बनाने की बात उन्होंने कभी नहीं कही। गैरसैण में सरकार एक निर्धारित रोडमैप पर काम कर रही है।

गुरूवार को बीजापुर स्थित राज्य अतिथिगृह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गैरसैंण में सरकार आधारभूत संरचनाओं के विकास पर कार्य कर रही है। समय आने पर जनता से व्यापक परामर्श कर राजधानी के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। गैरसैंण को लेकर सरकार के पास तीन विकल्प हैं। एक गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाई जाए, दूसरा हिमाचल की तर्ज पर ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाई जाए और तीसरा यहां विधानसभा सत्र ही आयोजित किए जाएं। हालांकि वह सिर्फ सूत्रधार हैं, इस पर फैसला राज्य की जनता को ही करना है। गैरसैंण की दावेदारी मजबूत हो, इसलिए सरकार वहां जमकर विकास कार्य करा रही है।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान बीते रोज नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से हुई मुलाकात के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 15 मार्गो को राष्ट्रीय राजमार्ग के तौर पर विकसित करने के उनके अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मार्गो पर चिह्नित ब्लाइंड स्पॉट्स को केंद्र के सहयोग से दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए आधी राशि केंद्र सरकार और आधी प्रदेश सरकार मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री से सड़कों के किनारे सुरक्षा दीवार लगाने के लिए केंद्र से पूरी धनराशि देने का अनुरोध किया गया है। उत्तराखंड से जुड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गो के सुधारीकरण पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन कार्यो पर नजर रखने के लिए विभागीय अधिकारी की तैनाती की जाएगी।

विवादित जमीनों का होगा अधिग्रहण

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आश्रमों की जितनी विवादित जमीन हैं सरकार उनका अधिग्रहण करेगी। अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दे दिए गए हैं। जहां तक उन पर लग रहे आरोपों का सवाल है तो इस आदेश से यह जमीन उन्हें नहीं मिलेगी बल्कि सरकार में निहित होगी। भाजपा नेता सतपाल महाराज की ओर से भूमि कब्जाने के संबंध में लगाए गए आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मसला भाजपा के भीतर के झगड़ों का नतीजा है। जमीन को कब्जाने की विशेषज्ञता भाजपा नेताओं के पास है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति यह आरोप लगा रहा है उस पर भाजपा की ही एक सांसद ने पहले जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने कहा कि उनका कोई आश्रम नहीं जो विकास प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा कर बनाया गया हो और इसके लिए नोटिस भी मिला हो।

उन्होंने कहा कि भाजपा मुद्दों को भटकाने के लिए आरोप लगा रही है। भाजपा ने जिस व्यक्ति पर आपदा को लेकर आरोप लगाए, आज उसे अपना नेता मान रही है। भाजपा बताए कि क्या उन्होंने उन्हें सभी मामलों में क्लीन चिट दे दी है। यदि पहले झूठ कहा तो वे जनता से माफी मांगें। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति पर भाजपा ने 2003 से लेकर अब तक आरोप लगाए, आज वह भाजपा का मुखौटा बना हुआ है।

ऊर्जा निगम के एमडी का किया बचाव

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक एसएस यादव के लिए दिए गए सेवा विस्तार के निर्णय को सही बताया। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि मुख्य सचिव ने फाइल में टिप्पणी की थी किएमडी के कार्यकाल को बढ़ाना उचित नहीं है, मगर उन्होंने इसका समाधान नहीं बताया। इस कारण उन्होंने दो आदेश जारी किए। पहले आदेश में उन्होंने ऊर्जा निगम के नए एमडी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को कहा और दूसरे आदेश में प्रक्रिया पूरी न होने तक एसएस यादव की नियुक्ति के आदेश जारी किए।

मृत्युंजय मिश्रा मामले की जांच मुख्य सचिव को

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में मृत्युंजय मिश्रा की नियुक्ति के मामले में मुख्य सचिव को जांच करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखा जाएगा कि नियुक्ति प्रक्रियागत तरीके से हुई है या नहीं। उन्होंने कहा कि इसी कारण वे जिला स्तर पर चयन समिति बनाने के पक्ष में हैं। बढ़ते विवाद पर उन्होंने कहा कि उनकी समझ नहीं आ रहा है कि जो मीडिया के जरिए अपनी बात कह रहे हैं वे संस्थान कैसे चलाएंगे।

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