नई फिल्म नीति का ड्राफ्ट जारी

राज्य ब्यूरो, देहरादून: नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर उत्तराखंड में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए

By Edited By: Publish:Sun, 01 Mar 2015 01:00 AM (IST) Updated:Sun, 01 Mar 2015 01:00 AM (IST)
नई फिल्म नीति का ड्राफ्ट जारी

राज्य ब्यूरो, देहरादून: नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर उत्तराखंड में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नई फिल्म नीति का मसौदा तैयार कर लिया है। प्रस्तावित नीति सूचना विभाग के तहत गठित राज्य फिल्म विकास परिषद द्वारा क्रियान्वित की जाएगी। नई नीति में प्रदेश में बनने व प्रदर्शित होने वाली फिल्मों को मनोरंजन कर में छूट देने के प्रावधान किए गए हैं। साथ ही, अनुदान, फिल्म पुरस्कार की भी व्यवस्था की गई है। शासन ने इस प्रस्तावित नीति का ड्राफ्ट जारी कर 15 मार्च तक नीति के संबंध में आम जनता व विषय विशेषज्ञों से सुझाव व आपत्तियां मांगी हैं।

प्रदेश की नई प्रस्तावित फिल्म नीति के तहत उत्तराखंड में नए शूटिंग स्थलों के विकास के साथ ही एक फिल्म सिटी की स्थापना का लक्ष्य तय किया गया है। युवाओं को फिल्म निर्माण व प्रदर्शन के क्षेत्र में प्रशिक्षण देते हुए रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की गई है। क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करने व फिल्म के माध्यम से प्रदेश में पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत व पुरातात्विक धरोहर का महत्व बढ़ाने का भी संकल्प किया गया है।

फिल्म नीति के तहत राज्य फिल्म विकास परिषद के गठन व फिल्म शूटिंग की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू होगा। फिल्म सिटी की स्थापना के लिए फिल्म विकास परिषद द्वारा संभावित स्थलों का अध्ययन किया जाएगा। राज्य सरकार इसके लिए औद्योगिक दरों पर भूमि उपलब्ध कराएगी। फिल्म सिटी में पुलिस थाना, अग्निशमन केंद्र, संपर्क मार्ग व वाहय जल निकासी जैसी सुविधाएं भी फिल्म विकास निधि से विकसित करेगी।

इनसेट..

मानव संसाधन विकास..

-राज्य के पांच आइटीआइ में फिल्म संबंधी व्यवसायिक प्रशिक्षण पाठयक्रमों को अनुमति मिलेगी।

-निजी क्षेत्र के संस्थानों को भी ऐसे पाठयक्रम शुरू करने को प्रोत्साहन।

-भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान पुणे में अध्ययनरत उत्तराखंड के छात्रों को पूरे प्रशिक्षण सत्र के लिए छात्रवृत्ति।

कर प्रोत्साहन..

-क्षेत्रीय बोली, भाषाओं में बनी फिल्मों को एक वर्ष तक मनोरंजन कर में छूट।

-एनसीवाईपी द्वारा निर्मित बाल फिल्मों, केंद्र सरकार के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्मों व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्मों को बिना पूर्व प्रदर्शन के मनोरंजन कर में छूट।

-फिल्म निर्माण संबंधी उपकरणों पर नीति की घोषणा के बाद पांच वर्ष तक व्यापार कर से छूट।

-फिल्म निर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल पर पांच फीसद व्यापार कर लगेगा।

सिनेमाघरों को प्रोत्साहन..

-सिनेगाघरों को उद्योग का दर्जा मिलेगा।

-बंद छविगृहों को पुनर्जीवित करने को उनके भू-उपयोग के बारे में ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे उन्हें वायबल कामर्शियल इकाई बनाया जा सके।

-दूरस्थ क्षेत्रों व प्रमुख पर्यटक स्थलों में बहुउद्देश्यीय मनोरंजन गृहों की स्थापना को प्रोत्साहन।

-वर्तमान छविगृहों में अवस्थापना सुविधाओं में निवेश करने पर मनोरंजन कर में तीन वर्ष तक 35 फीसद की छूट।

-आधुनिक दृश्य-श्रव्य उपकरणों से युक्त नए सिनेमाघरों को पांच वर्ष के लिए मनोरंजन कर में 30 फीसद छूट। निर्मित क्षेत्र के 35 फीसद को व्यावसायिक उपयोग की अनुमति।

-नए मल्टीप्लेक्स को तीन वर्ष तक मनोरंजन कर में 30 फीसद छूट।

फिल्मों को वित्त पोषण..

फिल्म विकास निधि ने उन फिल्मों को वित्त पोषण किया जाएगा, जो राज्य में फिल्माई जाए व राज्य को प्रभावी रूप से प्रदर्शित कर सके। फिल्म विकास परिषद के अधीन इसके लिए उपसमिति गठित होगी, जो वित्त पोषण चाहने वाली फिल्मों की प्राथमिकता सूची तैयार करेगी। उपयुक्त फिल्मों के लिए निर्माण लागत का अधिकतम 75 फीसद वित्त पोषण पर विचार होगा। बड़े बैनर की व्यवसायिक फिल्मों पर सामान्यत: विचार नहीं होगा।

उत्तराखंड फिल्म विकास निधि..

फिल्म विकास परिषद के अधीन एक फिल्म विकास निधि स्थापित की जाएगी। इस निधि से फिल्मों के लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास, फिल्म उत्सवों के आयोजन, पुरस्कार वितरण, फिल्म विकास परिषद का सुदृढीकरण, छात्रवृत्ति आदि की व्यवस्थाएं की जाएंगी। निधि के लिए राज्य सरकार द्वारा पांच करोड़ की सीड मनी दी जाएगी। मनोरंजन कर से प्राप्त आय का पांच फीसद राजस्व इस निधि में जमा किया जाएगा।

फिल्म शूटिंग की अनुमति..

-शूटिंग की अनुमति के लिए एकल खिड़की व्यवस्था लागू होगी। शूटिंग की अनुमति महानिदेशक सूचना, जो परिषद के पदेन मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे, द्वारा दी जाएगी।

-वनक्षेत्र व विधिक प्रतिबंध वाले क्षेत्रों में शूटिंग की अनुमति संबंधित विभाग या संस्था की सहमति से दी जाएगी।

-उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषा व बोली में बनने वाली फिल्मों की शूटिंग के लिए एक मुश्त 15 हजार रुपये मासिक शुल्क।

-अन्य फिल्मों के लिए पांच हजार रुपये प्रतिदिन शुल्क लगेगा।

-एनओसी मिलने से शूटिंग खत्म होने तक परिषद में 25 हजार की राशि बंधक रखनी होगी। शूटिंग स्थल से संबंधित विभाग की एनओसी के बाद उसे मुक्त किया जाएगा।

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