द्रोणागिरी के ग्रामीणों का बॉर्डर पर धरना

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चीन सीमा से लगे द्रोणागिरी क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ न किए जा

By Edited By: Publish:Tue, 21 Apr 2015 09:42 PM (IST) Updated:Tue, 21 Apr 2015 09:42 PM (IST)
द्रोणागिरी के ग्रामीणों का बॉर्डर पर धरना

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चीन सीमा से लगे द्रोणागिरी क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ न किए जाने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने बॉर्डर क्षेत्र में ही प्रशासन व सरकार के खिलाफ धरना शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन भी लंबे समय से उनकी मांग को नजरअंदाज कर रहा है।

जोशीमठ विकासखंड के द्रोणागिरी, गरपक, कागा व रवींग गांवों के ग्रामीण लंबे समय से सड़क सुविधा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस क्षेत्र के लिए सड़क को स्वीकृति तो मिल गई है, लेकिन विभागीय लापरवाही सड़क निर्माण में रोड़ा बनी है। ग्रामीणों का कहना है कि लोनिवि द्वारा पुल का निर्माण प्रारंभ तो किया गया, लेकिन वह अधूरा पड़ा है। आरोप है कि लोनिवि की लापरवाही के कारण आज भी इस सीमांत क्षेत्र के लोगों को गांव तक आवाजाही करने के लिए मीलों पैदल सफर तय करना पड़ रहा है। इसके अलावा बीमार लोगों को भी जोशीमठ तक पहुंचाने में परेशानी हो रही है। सड़क सुविधा न होने के कारण सीमांत क्षेत्रों से पलायन भी लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीणों ने द्रोणागिरी गांव के लिए जाने वाले मार्ग पर ही धरना शुरू कर दिया है। धरना देने वालों में ग्राम प्रधान द्रोणागिरी दीपा देवी, ग्राम प्रधान कागा गरपक बच्ची देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य इंद्र सिंह रावत, चैत सिंह, पुष्कर सिंह, गोविंद सिंह आदि शामिल हैं।

दूसरी ओर, जनजाति भोटिया विकास समिति ने बैठक कर सीमांत गांवों की उपेक्षा पर नाराजगी जताई है। बैठक में समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जनजातीय गांवों को लेकर सरकार नकारात्मक रवैया अपनाए हुए है। ग्रामीणों ने मांग की कि द्रोणागिरी व देवलकोट मोटर मार्ग पर अविलंब निर्माण शुरू किया जाए। नीती घाटी में एंबुलेंस सेवा भी जल्द शुरू करने की मांग की गई। इसके अलावा सीमांत गांवों के विकास के लिए ठोस नीति भी बनाई जाए। बैठक में ठाकुर सिंह राणा, धीरेंद्र गरोड़िया, बुद्धि सिंह रावत, लक्ष्मण सिंह, नंदन सिंह टकोला, खीम सिंह राणा, धर्मेद्र पाल आदि मौजूद थे।

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