समय पर जरूरी है मौसम की भविष्यवाणी, जलवायु परिवर्तन पर कांफ्रेंस में बोले विशेषज्ञ
असमय या अकारण भारी बारिश, तूफान, गर्मी या ठंड की आफत लोगों को झेलनी पड़ रही है। लिहाजा ऐसे में जरूरी है कि आने वाली ऐसी आपदा की जल्द भविष्यवाणी की जाए।
वाराणसी (जेएनएन) । ऐसा शोध हो जो समाज को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाएं। साथ ही मौसम व जलवायु परिवर्तन के बारे में पर्याप्त समय से पहले एवं सटीक भविष्यवाणी भी जरूरी है। ताकि समय पूर्व बेहतर प्रबंधन कर बड़े नुकसान को रोका जा सके। उक्त बातें बुधवार को बीएचयू के विज्ञान संकुल में भू-भौतिकी विभाग व इंडियन मेट्रोलॉजिकल सोसाइटी (आइएमएस) की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में सचिव एवं मौसम विभाग के वैज्ञानिक डा. दुष्यंत रंजन पटनायक ने कही।
डा. पटनायक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व की समस्या बनते जा रही है। इसके कारण असमय या अकारण भारी बारिश, तूफान, गर्मी या ठंड की आफत लोगों को झेलनी पड़ रही है। ऐसे में जरूरी है कि आने वाली ऐसी आपदा की जल्द से जल्द भविष्यवाणी की जाए। ताकि आपदा प्रबंधन जल्दी किया जा सके। जलवायु परिवर्तन की समस्या पर संस्थान के निदेशक प्रो. नवीन कुमार, प्रो. राजीव भाटला, प्रो. एनपी सिंह, प्रो. एमके श्रीवास्तव, प्रो. जीपी सिंह, प्रो. आरके मल्ल, डा. सुनिता वर्मा ने भी विचार रखे।
विशेषज्ञ सत्र के बाद शाम को उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। इसमें अतिथियों ने कहा कि आपदा को तो रोकना मुश्किल है, लेकिन उससे बचा जरूर जा सकता है। इस लिए जरूरी है कि सभी देश के वैज्ञानिक इसको ध्यान में रखकर शोध करें। इस मौके पर बी मंडल, बबिता दानी, प्रियांशु गुप्ता, प्रदीप, श्रुति वर्मा, विजय विश्वकर्मा, प्रमोद यादव आदि मौजूद थे। संचालन रिचा व अंकिता सिंह ने किया।