नागरिकता कानून विवाद पर बलिया में बोले गायक कैलाश खेर - 'विरोध अज्ञानता का है परिचय'

अपनी गायकी के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कैलाश खेर ने कहा कि देश में नागरिकता संसोधन कानून का विरोध अज्ञानता का परिचय के अलावा और कुछ भी नहीं है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 26 Dec 2019 07:10 AM (IST) Updated:Thu, 26 Dec 2019 07:10 AM (IST)
नागरिकता कानून विवाद पर बलिया में बोले गायक कैलाश खेर - 'विरोध अज्ञानता का है परिचय'
नागरिकता कानून विवाद पर बलिया में बोले गायक कैलाश खेर - 'विरोध अज्ञानता का है परिचय'

बलिया [लवकुश सिंह]। अपनी गायकी के लिए 'पद्मश्री' सम्मान से सम्मानित कैलाश खेर ने कहा कि देश में नागरिकता संसोधन कानून का विरोध अज्ञानता का परिचय के अलावा और कुछ भी नहीं है। इस अज्ञानता का ही लाभ कुछ लोग तेजी से ले रहे हैं जो देश हित में नहीं है। देश की जनता के भारी समर्थन से केंद्र में सरकार बनी है। सरकार का कोई भी निर्णय देश की जनता के विरोध में नहीं हो सकता। सरकार के इस कानून से देश के लोगों को कोई नुकसान नहीं है, इसके बावजूद भी यदि इसका विरोध हो रहा है तो यह सिर्फ और सिर्फ अज्ञानता का परिचय है। इस कानून का विरोध करने वाले लोगों को पहले इसकी पूर्ण जानकारी करनी चाहिए, विरोध नहीं। देश में शिक्षा का स्तर ऊपर उठना चाहिए, वहीं शिक्षित लोगों को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए।  

वह बलिया में एक कार्यक्रम देने के बाद शाम को बलिया से रवाना होने से पहले नगर के ग्रैंड सिंघानिया होटल में दैनिक जागरण से बातचीत कर रहे थे। उनसे यह सवाल कि इस कानून का विरोध फिल्म जगत की भी कुछ हस्तियां कर रही हैं, ऐसा क्यों है। इस पर उनका जवाब था कि इस देश की यही तो खासियत है, यह एक लोकतांत्रिक देश है। इसमें हर किसी को अपना विचार शांति पूर्वक रखने की आजादी है, लेकिन जो सत्य है, उसे किसी भी तरीके से दबाया नहीं सकता। 

अल्ला के बंदे हंस दे... से मिली नई पहचान

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में जन्में कैलाश खेर की गिनती भारतीय सिनेमा के बेहतरीन गायकों में होती है। सूफी गानों के साथ रॉक का फ्यूजन कर उन्होंने जो शैली विकसित की है, उसके सभी कायल है। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वे ङ्क्षहदी में 500 से ज्यादा गाने गाए हैं, जिसमें अल्ला के बंदे हंस दे... ने एक अलग पहचान दिलाई। इसके बाद फिल्म अंदाज में'रब्बा इश्क ना होवे' ने भी देश में खूब धूम मचाई। दो बार फिल्मफेयर बेस्ट ङ्क्षसगर का अवार्ड जीत चुके कैलाश खेर एक कार्यक्रम देने के क्रम में महर्षि भृगु की धरती बलिया में दो दिनों तक रहे, मंगलवार की रात में लगभग 15 मिनट की बातचीत में वह केंद्र सरकार के हर निर्णय के साथ दिखे। सीएए या एनआरसी पर उन्होंने सरकार की मंशा को स्पष्ट तरीके से कई तरीके से बयां किया। कहा कि इस मुद्दे पर गुमराह होने से पहले लोगों को पहले इसके अंदर की सारी बातों को जान लेनी चाहिए, हंगामा करने से पहले अपने ज्ञान को विकसित करना चाहिए।   

बहुत अच्छा  है बलिया, सफाई के नहीं बेहतर इंतजाम

कैलाश खेर से जब यह पूछा गया कि आप देश-विदेश में भ्रमण करते रहते हैं, आपको को बागी धरती बलिया कैसा लगा। इस पर उनका जवाब था कि यहां के लोग बहुत ही अच्छे हैं। सभी लोग विशेष इज्जत देते हुए बड़ी शालीनता से मिले, लेकिन नगर या आस-पास साफ-सफाई के इंतजाम अच्छे नहीं हैं। स्वच्छता हमारे देश का मिशन है, इस दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर बड़े काम हो रहे हैं। बलिया वीरों और संत महात्माओं की धरती है। देश में इसकी अलग पहचान है, यहां साफ-सफाई के इंतजाम काफी बेहतर होने चाहिए। इस मौके पर शेखर फाउंडेशन के अध्यक्ष व पूर्व ब्लाक प्रमुख अनिल सिंह ने महर्षि भृगु का मोमेंटो भेंट किया, वहीं बलिया की प्रसिद्ध लेखिका रश्मि सिंह द्वारा लिखित काव्य संग्रह वैविध्य को रश्मि सिंह उनके अनुज अमित सिंह बघेल भेंट किया। इस दौरान शहर के दर्जनों लोगों की कैलाश के साथ सेल्फी लेने की भी होड़ लगी रही।     

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