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यूपी के इन क्षेत्रों में निर्णायक है मुस्लिम वोटर, राशन योजना पर की खुलकर तारीफ; पढ़ें चुनाव को लेकर क्या बोले

मुसलमान... इस चुनाव में आखिर किधर जाएंगे? इन सवालों के बीच हर दल इन्हें अपने पाले में लाने की जुगत भिड़ा रहे हैं। इन्हें लुभाने के लिए बिसातें बिछाई जाती हैं तो वादों और दावों की चुनावी मंचों से बौछार की जाती है। इसकी वजह भी है... कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की कई सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक की भूमिका निभाते हैं। पढ़ें क्या है Ground Report...

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Published: Sun, 28 Apr 2024 10:54 AM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2024 10:54 AM (IST)
यूपी के इन क्षेत्रों में निर्णायक है मुस्लिम वोटर, राशन योजना पर की खुलकर तारीफ

मुसलमान... इस चुनाव में आखिर किधर जाएंगे? इन सवालों के बीच हर दल इन्हें अपने पाले में लाने की जुगत भिड़ा रहे हैं। इन्हें लुभाने के लिए बिसातें बिछाई जाती हैं तो वादों और दावों की चुनावी मंचों से बौछार की जाती है। इसकी वजह भी है... कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की कई सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक की भूमिका निभाते हैं। इन सबके बीच सवाल यह भी है कि सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने वाले मुसलमानों का झुकाव आखिर किस तरफ होगा? मुस्लिमों के मन को टटोलने का प्रयास करती कानपुर से जागरण संवाददाता मोहम्मद दाऊद खान की रिपोर्ट...

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बच्चों की पढ़ाई, उनके पालन पोषण जिम्मेदारी, गृहस्थी की जरूरत को पूरा करने में चमनगंज के रहने वाले शोएब को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। सरकार की ओर से मिलने वाले मुफ्त राशन ने उनकी चिंता को कम कर दिया है। अब उनको रोटी और चावल की व्यवस्था करने के लिए सोचना नहीं पड़ता है। तलाक महल में रहने वाले राशिद भी मुफ्त राशन मिलने से खुश हैं।

वर्ष 2020 में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को लेकर जब मुस्लिम बहुल इलाकों में लाभार्थियों से बात की गई तो कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली। वे योजना की खुलकर तारीफ करते हैं लेकिन क्या इससे उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता भी बदलेगी...यह सवाल बड़ा है।

खुलकर नहीं दे रहे जवाब

कानपुर में ऐसे आठ लाख से अधिक परिवार हैं जो मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसमें हर मजहब और वर्ग के लोग शामिल हैं। योजना को लेकर मुस्लिमों में सकारात्मक नजरिया नजर आता है। वे इस पर सहमति जताते हैं कि योजना से काफी हद तक घर का बजट सुधरा है। अब रोटी और चावल की व्यवस्था के लिए फिक्र नहीं करनी पड़ती है। हालांकि, योजना का आने वाले चुनाव पर क्या असर पड़ेगा, इस सवाल पर उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। इसके साथ ही वे यह भी पूछ बैठते हैं कि यह सवाल सिर्फ उनसे क्यों, आखिर इसका लाभ तो सभी को मिल रहा है।

चमनगंज निवासी मुस्तफा तारिक कहते हैं, देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि लोगों को अनाज मुफ्त मिल रहा है। इससे कई ऐसे परिवारों के आंसू थम गए हैं जो खुद्दारी की वजह से किसी के आगे हाथ नहीं फैला सकते थे। चुनाव पर इसका क्या असर पड़ेगा...के सवाल पर मुस्तफा के भाव बदल जाते हैं। हल्की मुस्कान बिखेरते हुए कहते हैं कि यह तो चुनाव के नतीजे खुद ही बयां कर देंगे।

कुछ मुद्दों को हटाकर सिर्फ विकास पर बात की जाए तो मुस्लिमों को किसी पार्टी से गुरेज नहीं है। इसी तरह, तलाक महल निवासी मुशीर अहमद कहते हैं कि मुफ्त राशन योजना को पांच वर्ष के लिए विस्तार देकर सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। चुनाव में मतदान के सवाल पर वे कुछ देर के लिए सोच में पड़ जाते हैं, फिर बहुत ही सधे शब्दों में जवाब देते हैं कि एक ओर सबका साथ सबका विकास की बात कही जाती है तो दूसरी ओर ऐसे बयान भी सामने आते हैं जिनसे एक वर्ग को दुख पहुंचाता है। कोई भी सरकार मुस्लिमों की भावनाओं का ख्याल रखे तो उनको परहेज नहीं है।

कोरोना काल में जब जिंदगी थम सी गई थी और लोगों के काम-धंधे बंद हो गए, तब सरकार ने गरीबों के लिए खाद्यान्न की झोली का मुंह खोल दिया था। मुफ्त राशन बांटने की व्यवस्था की गई थी। गरीबों को हर माह प्रति यूनिट तीन किलोग्राम गेहूं व दो किलोग्राम चावल दिया गया।

तलाक महल निवासी मोहम्मद अतीक मुफ्त में मिल रहे राशन की तारीफ किए बिना नहीं रहते हैं। वे यह मानते हैं कि यह काम पहले की किसी भी सरकार ने नहीं किया। लोकसभा चुनाव में इसका असर मुस्लिमों पर कितना पड़ेगा? यह पूछने पर वह बस इतना कहते हैं कि मुफ्त राशन से जिनकी गृहस्थी की गाड़ी चल रही है, वे नहीं चाहेंगे कि मुफ्त राशन मिलना बंद हो जाए।

नई सड़क निवासी आसिफ कहते हैं कि वे हर माह कोटेदार से राशन लेते हैं। इसकी वजह से घर का खर्च चलाने में आसानी हुई है। लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान पर जब उनसे पूछा गया तो वे मुस्कुराने लगे। उन्होंने कहा कि अभी समय है, इस पर विचार करेंगे। सुजातगंज निवासी इस्लामुद्दीन भी कहते हैं कि मुफ्त राशन योजना सभी के लिए है और इसका लाभ हर वर्ग को मिल रहा है। ऐसे में मुस्लिमों के साथ अन्य लोगों से भी इस पर सवाल किया जाना चाहिए।

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