वाराणसी में बोलीं रीता बहुगुणा जोशी - 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि मानते थे'

अक्षय सेवा फाउंडेशन के तत्वावधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उनके जीवन से सम्बंधित नाटक समेत गीत योग की विविध प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया। इस अवसर पर चिकित्सक विशिष्ट अतिथि सरोज चूड़ामणि ने कहा कि सुभाष चन्द्र का सपना अखंड भारत का था।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 04:33 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 05:03 PM (IST)
वाराणसी में बोलीं रीता बहुगुणा जोशी - 'नेताजी सुभाष चंद्र  बोस महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि मानते थे'
आयोजन में प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी शामिल रहीं।

वाराणसी, जेएनएन। अक्षय सेवा फाउंडेशन के तत्वावधान में  नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उनके जीवन से सम्बंधित नाटक समेत गीत योग की विविध प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया। इस अवसर पर चिकित्सक विशिष्ट अतिथि सरोज चूड़ामणि ने कहा कि सुभाष चन्द्र का सपना अखंड भारत का था। हमें आज उनके सपनों को यादकर भारत को अखंड बनाएं। हम कभी अलग हुए थे लेकिन संभावनाएं एक होने की हैं।इसके साथ ही बटुकों के कार्यक्रम ने भी काफी प्रभावित किया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मुख्य अतिथि प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी, विशिष्ट अतिथि भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री अशोक चौरसिया, पूर्वांचल विकास आयोग के उपाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र दयालु, सरोज चूड़ा मणि आदि उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि पूर्वांचल विकास आयोग के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि नेताजी ने त्याग व बलिदान कर देश की सेवा की। सुभाष चन्द्र बोस का जीवनसंघर्षमय  व मौत रहस्यमयी रही। मुख्य अतिथि प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि सुभाष कभी मिटने वाले नहीं है । भारत को गर्व था कि उसका बेटा सुभाष था। दासता से मुक्ति की अवधारणा बचपन से ही थी। उनकी मुक्ति की अवधारणा अंग्रेजों से मुक्ति तो था ही, सबसे महत्वपूर्ण भारतीय समाज मे व्याप्त वर्गवाद से मुक्ति का था। नेता जी का विचार साम्य वादी तो था लेकिन वे कम्युनिस्टों से संतृष्ट नहीं थे।

कहा कि महात्मा गांधी व उनके विचारों के वह समर्थक भी थे। वे जोशीले राष्ट्रवाद के पोषक थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए विश्व का समर्थन हासिल करने के  सिद्धांत का समर्थन किया। वे यथार्थवादी थे। वे पहले सैन्य- राजनेता थे । महिलाओं की रक्षा व सम्मान को सर्वोपरि रखते थे। उन्होंने लिखा मेरे अधूरे कार्य को मेरी पत्नी और बेटी ने पूरा किया। आजाद हिंद फौज में महिलाओं के लिए अलग से रानी लक्ष्मी बाई ब्रिगेड बनाया।इतिहासकारों ने उन्हें यथोचित स्थान नहीं दिया। पीएम मोदी ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। अब पूरा विश्व नेता जी का इतिहास जानेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राधेमोहन त्रिपाठी ने की। संचालन भाजपा जिला मीडिया प्रभारी अरविंद मिश्र ने किया।

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