काशी स्थित नेपाली मंदिर के खिलाफ नेपाल में फैलाए गए अफवाह का नेपाली दल ने जाना सच

प्रतिनिधि मंडल में नेपाली कांग्रेस पार्टी के सह महासचिव व पूर्व विदेश मंत्री प्रकाश शरण महत पूर्व वित्त मंत्री उदय शमशेर जेबी राणा व सांसद एवं नेपाल के पूर्व मंत्री अजय कुमार चौरसिया शामिल रहे। उन्होंने नेपाल पहुंचकर सांसदों के दल ने इस गलत नरेटिव का खंडन किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 05:52 PM (IST) Updated:Sun, 03 Apr 2022 01:48 PM (IST)
काशी स्थित नेपाली मंदिर के खिलाफ नेपाल में फैलाए गए अफवाह का नेपाली दल ने जाना सच
नेपाल में कुछ लोगों ने काशी विश्वनाथ कारिडोर में स्थित नेपाली मंदिर को लेकर अफवाह फैला दी थी।

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। नेपाल में कुछ लोगों ने काशी विश्वनाथ कारिडोर में स्थित नेपाली मंदिर को लेकर अफवाह फैला दी थी। इस अफवाह का सच जानने पिछले सप्ताह नेपाली सांसदों का एक दल यहां आया था। यहां आने के बाद दल ने सच को जाना। माना कि काशी में नेपाली संस्कृति अपने मूल स्वरूप में संरक्षित है व इस मंदिर को सरकार भव्य स्वरूप दे रही है। उन्होंने काशी विश्वनाथ कारिडोर और नेपाली मंदिर देखा। प्रतिनिधि मंडल में नेपाली कांग्रेस पार्टी के सह महासचिव व पूर्व विदेश मंत्री प्रकाश शरण महत, पूर्व वित्त मंत्री उदय शमशेर जेबी राणा व सांसद एवं नेपाल के पूर्व मंत्री अजय कुमार चौरसिया शामिल रहे। उन्होंने नेपाल पहुंचकर सांसदों के दल ने इस गलत नरेटिव का खंडन किया।

काशी व काठमांडू की साझा संस्कृति का जीवंत प्रमाण है नेपाली मंदिर : काशी आने से पहले दल ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मिला। सीएम से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने योगी जी से कहा कि नेपाल में वर्तमान में एक नरेटिव गढ़ा जा रहा है कि वाराणसी में बन रहे काशी विश्वनाथ कारिडोर में प्राचीन नेपाली मंदिर को क्षति पहुंचाई जा रही है। इस बात पर मुख्यमंत्री ने तुरंत वाराणसी प्रशासन को अवगत कराया और प्रतिनिधि मंडल से आग्रह किया कि एक बार वे स्वयं नेपाली मंदिर का दर्शन अवश्य करें। योगी ने उनसे कहा कि नेपाली मंदिर हमारी काशी व काठमांडू की साझा संस्कृति का जीवंत प्रमाण है। सीएम से वार्ता के दौरान एनआरआई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रदेश संयोजक राज राजेश्वर, सह संयोजक ऋषि पांडेय, अश्विन जौहर आदि रहे।

भाजपा के विदेश संपर्क विभाग को सौंपी गई थी सांस्कृतिक यात्रा की जिम्मेदारी : विदेश संपर्क विभाग की पहल पर दल की इस सांस्कृतिक यात्रा का प्रबंधन एवं संयोजन भारतीय जनता पार्टी के विदेश संपर्क विभाग ने किया था। सांसदों की यूपी यात्रा के प्रोटोकाल में नेपाली मंदिर भी जोड़ा गया। नेपाली सांसद प्रतिनिधियों ने नेपाली मंदिर को देखा। सरकार द्वारा दिए जा रहे उसके भव्य स्वरूप की प्रसन्नता जाहिर करते हुए सराहना की। साथ ही सांसदों का दल महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शिक्षा, चिकित्सा, संस्कृति के आदान प्रदान की संभावनाओं पर चर्चा की। भाजपा विदेश संकप विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. विजय चौथाईवाले ने सदों को उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक यात्रा का निमंत्रण दिया था। शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक यात्रा को संपन्न कराने के लिए विदेश संपर्क विभाग की यूपी इकाई को जिम्मेदारी सौंपी। इसी कड़ी में सांसदों की काशी यात्रा विशेषकर नेपाली मंदिर दर्शन के प्रबंधन का दायित्व विदेश संपर्क विभाग के प्रदेश सह संयोजक डा. मनोज कुमार शाह को दिया गया था।

नेपाली मंदिर पूजन-दर्शन का फल पशुपतिनाथ के समान : काशी में इस नेपाली मंदिर का निर्माण नेपाल के राजा राणा बहादूर शाह ने शुरू करवाया था। हालांकि 1806 में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके पुत्र राजा राजेंद्र वीर विक्रम शाह ने 1843 में निर्माण पूरा कराया। निर्माण में नेपाल से आए कारीगरों ने नेपाली लकड़ी व ईंटों प्रयोग किया। यहां लकड़ियों पर पर की गई कारीगरी अदभुत है जो अजंता एलोरा की याद दिलाती है। मंदिर ट्रस्ट के सचिव गोपाल प्रसाद अधिकारी के अनुसार इस मंदिर में दर्शन पूजन का फल काठमांडू पशुपतिनाथ के समान है। काशी जहां मां गंगा के तट पर बसा है तो वहीं काठमांडू शहर बागमती नदी के किनारे विकसित हुआ। काशी में स्थित पशुपति नाथ के मंदिर की नक्काशी व नेपाल के मंदिर की नक्काशी भी बिलकुल हूबहू है।

chat bot
आपका साथी