एनजीटी ने वरुणा व असि नदी के किनारे हरित पट्टी बनाने का दिया प्रशासन को निर्देश

हरित पट्टी को धरातल पर लाने के लिए भले ही एक माह का वक्त दिया हो लेकिन VDA की ओर से की गई अब तक की कार्रवाई को नजीर बनाया जाए तो यह मियाद भी यूं ही बीत जाएगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 31 Jan 2019 09:13 PM (IST) Updated:Fri, 01 Feb 2019 07:35 AM (IST)
एनजीटी ने वरुणा व असि नदी के किनारे हरित पट्टी बनाने का दिया प्रशासन को निर्देश
एनजीटी ने वरुणा व असि नदी के किनारे हरित पट्टी बनाने का दिया प्रशासन को निर्देश

वाराणसी, जेएनएन । राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण यानी एनजीटी की निगरानी समिति ने वरुणा व असि नदी के किनारे प्रस्तावित हरित पट्टी को धरातल पर लाने के लिए भले ही एक माह का वक्त दिया हो लेकिन वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से की गई अब तक की कार्रवाई को नजीर बनाया जाए तो यह मियाद भी यूं ही बीत जाएगी। हकीकत यह है कि वीडीए की कागजी घुड़दौड़ ने ही दोनों नदियों के किनारे की हरियाली रौंद दी।

करीब पांच साल पहले जब तत्कालीन सपा सरकार में विकास प्राधिकरण ने महायोजना 2031 घोषित किया तो वरुणा नदी के किनारे एक सौ मीटर और असि नदी के किनारे 50 मीटर की हरित पट्टी को शामिल किया गया लेकिन जन आपत्ति के बाद तय हरित पट्टी का दायरा कम किया गया। वीडीए बोर्ड में मंथन के बाद निर्णय हुआ कि वरुणा नदी के किनारे 50 मीटर व असि नदी के किनारे 25 मीटर की हरित पट्टी होनी चाहिए। बोर्ड ने निर्धारित हरित पट्टी के दायरे में आ रहे निर्माण को चिन्हित करने का आदेश दिया लेकिन वीडीए कर्मियों की ओर से हीलाहवाली की जाने लगी। बाद में वरुणा कारिडोर परियोजना पर काम शुरू हुआ तो विभाग ने हरित पट्टी में कार्यवाही करते हुए कुल 762 भवनों को चिन्हित किया लेकिन इन भवनों को जमींदोज करने की बजाए पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। परिणाम हुआ कि हरित पट्टी में लगातार अवैध निर्माण जारी है। असि नदी के किनारे तो पेटा में घुसकर निर्माण हो रहा है। नदी में मलबा फेंका जा रहा है। घरों का गंदा पानी नदी में बह रहा है। असि नदी की दुर्दशा को दूर करने के बजाए नगर निगम ने दस्तावेज में उसे अस्सी नाला घोषित कर दिया है। 

अवैध निर्माण से कारिडोर प्रभावित : हरित पट्टी में अवैध निर्माण करने वालों के आगे वीडीए पूरी तरह नतमस्तक है। हकीकत यह है कि ऐसे निर्माणों के चलते वर्तमान में बन रहा कारिडोर तक प्रभावित हो गया है। छावनी क्षेत्र की ओर नदी के पेटा को पाट कर पाथ-वे बना दिया गया है जो आंखों से देखने पर ही स्पष्ट हो जाता है। अवैध निर्माण को लेकर वीडीए व सिंचाई विभाग के अफसरों के बीच विवाद भी उभर कर सामने आया था। 

हरियाली संग पिकनिक स्पॉट : महायोजना में हरित पट्टी की जो परिकल्पना की गई है उसमें दोनों नदियों के किनारे हरियाली के साथ ही पिकनिक स्पॉट विकसित होगा। करीब 10 किलोमीटर लंबाई में हरित पट्टी आकार लेगा तो नगर का नगर का वायु प्रदूषण भी दूर होगा। इतना ही नहीं दोनों नदियां जल संचयन का बड़ा साधन भी बन जाएंगी।

कार्रवाई कर प्रेषित करें रिपोर्ट : राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण यानी एनजीटी की निगरानी समिति के चेयरमैन डीपी सिंह ने जिला प्रशासन को एक माह की मोहलत देते हुए हरित पट्टी के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कार्रवाई की रिपोर्ट बनाकर एनजीटी को प्रेषित करने के लिए कहा है। उन्होंने वरुणा व असि नदी में गंदा पानी बहाने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की है। 

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