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UP Lok Sabha Election 2024: आगरा में सपा के लिए क्या है सबसे बड़ी चुनौती, कार्यकर्ताओं को संदेश दे गए अखिलेश

UP Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में आगरा में सात मई को मतदान होना है। सोमवार को आए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को चुनाव में जीत के लिए बूथ जीतने का संदेश दे गए हैं। सपा 2004 के बाद से जीत दर्ज नहीं कर सकी है वहीं कांग्रेस का सूखा चार दशक से चल रहा है।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Published: Wed, 01 May 2024 01:56 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2024 01:56 PM (IST)
आगरा में सपा के लिए क्या है सबसे बड़ी चुनौती, कार्यकर्ताओं को संदेश दे गए अखिलेश

जागरण संवाददाता, आगरा। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में आगरा में सात मई को मतदान होना है। सोमवार को आए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को चुनाव में जीत के लिए बूथ जीतने का संदेश दे गए हैं। सपा कार्यकर्ताओं के लिए पिछले चुनावों के अनुभव को देखते हुए यह बड़ी चुनौती है।

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सपा 2004 के बाद से जीत दर्ज नहीं कर सकी है, वहीं कांग्रेस का सूखा चार दशक से चल रहा है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन करने वाली सपा ने इस बार कांग्रेस से हाथ मिलाया है। वर्ष 2019 में बसपा और सपा गठबंधन होने पर भी भाजपा ने आसानी से जीत दर्ज की थी।

इस बार आगरा का ऐसा है रण

आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी सुरेश चंद कर्दम और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार मैदान में हैं। अखिलेश यादव ने गठबंधन के पक्ष में माहौल होने का हवाला देते हुए समाजवादियों को घर-घर जाने और अपना-अपना बूथ जीतने के निर्देश दिए हैं।

सपा और कांग्रेस का ये रहा हाल

सपा की बात करें तो यहां से केवल साइकिल की सवारी राज बब्बर ही कर सके हैं। राज बब्बर आगरा लोकसभा सीट से वर्ष 1999 और 2004 में जीत दर्ज करने में सफल रहे थे। कांग्रेस का हाथ चार दशक से खाली ही रहा है। अंतिम बार वर्ष 1984 में कांग्रेस के निहाल सिंह जैन सांसद चुने गए थे। एक बार कांग्रेस पिछड़ी तो फिर दौड़ में आई ही नहीं पाई।

दावों की कलई खोल रही हैं खाली कुर्सियां

राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशों के बाद सपा पदाधिकारी बूथ व सेक्टर कमेटियां सक्रिय होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन सभा में खाली रह गईं कुर्सियां दावों की कलई खोलती नजर आती हैं। धरातल पर संगठन की खामियां जगजाहिर हैं, जिसके चलते गठबंधन होने पर भी सपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के लिए बूथ जीतना आसान नहीं होगा।

घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है मेनिफेस्टो

सपा के महानगर अध्यक्ष चौधरी वाजिद निसार ने बताया कि सपा और कांग्रेस मिलकर बूथ लेवल पर काम कर रहे हैं। पार्टी द्वारा किए गए काम और उसके मेनिफेस्टो की जानकारी बूथ कमेटियां घर-घर तक पहुंचा रही हैं।

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