गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी के लिए भी अब महफूज नहीं होगी बसपा, बड़े भाई सिबगतुल्लाह सपा में

पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी के बसपा छोड़ सपा में जाने और छोटे भाई मुख्तार अंसारी का बसपा से टिकट कट जाने के बाद जिले में सियासी हलचल तेज हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि जिले के सांसद अफजाल अंसारी के लिए भी अब बसपा महफूज नहीं होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 09:20 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 09:47 AM (IST)
गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी के लिए भी अब महफूज नहीं होगी बसपा, बड़े भाई सिबगतुल्लाह सपा में
गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी के लिए भी अब बसपा महफूज नहीं होगी।

गाजीपुर, अविनाश सिंह। पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी के बसपा छोड़ सपा में जाने और उनके छोटे भाई मुख्तार अंसारी का बसपा से टिकट कट जाने के बाद जिले में सियासी हलचल तेज हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि जिले के सांसद अफजाल अंसारी के लिए भी अब बसपा महफूज नहीं होगी। राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा आम हो गई है कि अफजाल अंसारी भी अपने बड़े भाई सिबगतुल्लाह के साथ हो सकते हैं। हालांकि यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है। बहरहाल, राजनीतिक पंडित अभी से नफा-नुकसान के जोड़-तोड़ में लग गए हैं।

हाल के कुछ महीनों से मुख्तार अंसारी और उसके परिवार के खिलाफ लगातार शासन के कार्रवाई का डंडा चल रहा है, उससे अभी यह परिवार उबरने की कोशिश ही कर रहा था कि बसपा प्रमुख मायावती ने मुख्तार का टिकट काटकर उनके परिवार को और राजनीतिक संकट में डाल दिया। वैसे तो सांसद अफजाल अंसारी की गिनती बाहुबली नेताओं में नहीं होती है, लेकिन अंसारी परिवार का सदस्य होने के कारण यह आशंका प्रबल होती जा रही है कि उनके लिए भी अब हाथी महफूज नहीं होगी। ऐसे में अब इन दोनों भाइयों का भी नया और मजबूत राजनीतिक ठौर समाजवादी पार्टी हो सकती है। राजनीतिक पंडित फिलहाल अपने-अपने तरीके से इसका विश्लेषण ताे कर रहे हैं, लेकिन सिबगतुल्लाह के सपा में जाने के कुछ दिन बाद ही बसपा प्रमुख मायावती के इस कदम से यह तो साफ है कि आने वाले विधान सभा चुनाव तक कोई और बड़ा उलटफेर हो तो कोई अतिशयोक्ति नहीं।

पहली बार सपा से विधायक चुने गए थे सिबगतुल्लाह

मुहम्मदाबाद कस्बे के यूसुफपुर दर्जी मोहल्ला के रहने वाले नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन स्व. काजी सुबहान उल्लाह अंसारी के सबसे बड़े पुत्र सिबगतुल्लाह अंसारी नगर के डा. एमए अंसारी इंटर कालेज से प्रधान लिपिक पद से सेवानिवृत्त होकर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किए। पहली बार वह अपने मझले भाई सांसद अफजाल अंसारी के खाली सीट मुहम्मदाबाद विधान सभा से वर्ष 2007 में सपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने। दोबारा 2012 में सांसद अफजाल अंसारी के बनाए गए कौमी एकता दल से चुनाव जीते। वहीं 2017 में बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें भाजपा प्रत्याशी अलका राय से हार का सामना करना पड़ा। करीब 13 वर्षों बाद सिबगतुल्लाह ने एब बार फिर से सपा का दामन थामा है।

सिबगतुल्लाह के जाने से का कोई फर्क पार्टी पर नहीं पड़ेगा

सर्व समाज बसपा के साथ हैं। सिबगतुल्लाह के जाने से का कोई फर्क पार्टी पर नहीं पड़ेगा। अब बसपा के दरवाजे उनके लिए सदा के लिए बंद हो गए हैं। जहां तक मुख्तार अंसारी का टिकट काटे जाने की बात है तो पार्टी ने बाहुबलियों को टिकट न देने का फैसला किया है।

- अजय कुमार भारतीय, बसपा जिलाध्यक्ष।

सिबगतुल्लाह के आने से सपा परिवार बड़ा हुआ है

सिबगतुल्लाह के आने से सपा परिवार बड़ा हुआ है। कार्यकर्ता उत्साहित हैं। इस बार हम लोग जिले की सभी सातों सीटों को हरहाल में जीतेंगे।

- रामधारी यादव, सपा जिलाध्यक्ष।

समाजवादी पार्टी सबका सम्मान करती है

समाजवादी पार्टी सबका सम्मान करती है। गरीबों और शोषितों की बातों को प्राथमिकता के आधार पर सुना जाता है। मैं पहले भी इस पार्टी में रह चुका हैं। सपा की कार्यशैली से प्रभावित होकर मैंने दोबारा इस पार्टी को ज्वाइन किया।

सिबगतुल्लाह अंसारी, पूर्व विधायक।

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