पराग को 31 मार्च तक घाटे से उबार कर लाएं लाभ में, चार लाख लीटर की क्षमता के प्लांट को भरपूर चलाएं

पशुधन मत्स्य एवं दुग्ध विकास विभाग के राज्य मंत्री जयप्रकाश निषादने पराग डेयरी को निर्देश दिया कि दुग्ध समितियों के गठन को बढ़ाएं और पराग बूथ खोले जाएं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 17 Dec 2019 10:48 AM (IST) Updated:Tue, 17 Dec 2019 05:10 PM (IST)
पराग को 31 मार्च तक घाटे से उबार कर लाएं लाभ में, चार लाख लीटर की क्षमता के प्लांट को भरपूर चलाएं
पराग को 31 मार्च तक घाटे से उबार कर लाएं लाभ में, चार लाख लीटर की क्षमता के प्लांट को भरपूर चलाएं

वाराणसी, जेएनएन। पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास विभाग के राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद ने सोमवार को कमिश्नरी ऑडिटोरियम में वाराणसी व विंध्याचल मंडल के विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने चेताया कि कोई भी बेसहारा गोवंश गली-मोहल्ले और खेतों में घूमते नहीं मिलना चाहिए।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने गोवंश की सुरक्षा व संरक्षण के इंतजाम किए हैं। पहले प्रदेश में मात्र 12 गोशालाएं और 495 गो-सेवा स्थल आयोग के अंतर्गत थीं। आज 4134 गो-शालाएं हैं। गोवंश को गोशालाओं में रखें। वहां प्रतिदिन खाने को 30 रुपए प्रति गोवंश बजट की शासकीय व्यवस्था है। बताया कि मथुरा में अब सभी प्रजातियों जैसे गाय, बैल, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर को रोगों से बचाव का मुफ्त टीकाकरण वर्ष में दो बार अगले साल शुरू होगा। इसमें गांव के व्यक्ति को प्रशिक्षण देकर टैगिंग व टीकाकरण करने का काम मिलेगा। इससे गांव के ही युवाओं को रोजगार मिलेगा। मंत्री ने पराग डेयरी को निर्देश दिया कि दुग्ध समितियों के गठन को बढ़ाएं और पराग बूथ खोले जाएं। चार लाख लीटर की क्षमता के प्लांट को भरपूर चलाएं।

दुग्ध उत्पादकों से अधिक से अधिक दूध एकत्रित करें। उसके उत्पाद बनाएं और पूरी बिक्री करें। किसान को दूध का अच्छा दाम मिलेगा व आमजन को दूध उपलब्ध होगा। पराग डेयरी को सचेत किया कि 31 मार्च 2020 तक संस्थान को घाटे से उबार कर लाभ में लाएं। बैठक में आवंटित बजट के व्यय की प्रगति, निर्माणाधीन कार्यों, गर्भाधान व टीकाकरण, पशु आरोग्य मेला, मत्स्य बीज वितरण आदि की बिंदुवार समीक्षा की गई। मंत्री ने नोगढ़ भेड़ा फार्म के संबंध में शिकायत मिलने व उसकी जांच कराने के भी संकेत दिए। बैठक में मंत्री ने मत्स्य पालकों को मत्स्य किसान क्रेडिट कार्ड भी वितरित किए। इस दौरान सचिव पशुधन एसके सिंह, सीडीओ मधुसूदन हुलगी, निदेशक पशुपालन, निदेशक मत्स्य, दुग्ध विकास अधिकारी सहित वाराणसी व विंध्याचल मंडल के संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

बड़े जलाशयों के ठेका में अनियमितता की होगी जांच

मत्स्य पालन की समीक्षा में मंत्री ने कहा कि मत्स्य उत्पादन की प्रदेश में अच्छी संभावनाएं हैं। आय का अच्छा स्रोत है फिर भी अन्य प्रदेशों से मछली आती है। जबकि यहां तालाब भी हैं, सरकार द्वारा तालाब सुधार, मत्स्य बीज आदि निवेश को अनुदान दिया जाता है। निर्देशित किया कि तालाबों के पट््टे समय से कर दें। बड़े जलाशयों व नदियों में मत्स्य आखेट के लिए मत्स्यजीवी सहकारी समितियों को शासनादेश के अनुरूप ठेका देने की कार्यवाही हो। कहा कि विंध्याचल मंडल में बड़े जलाशयों में मत्स्य पालन व आखेट की ठेका उठान में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। जिन पर आवश्यकतानुसार जांच पड़ताल की जाएगी।

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