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Gorakhpur News: भूमाफिया की रिमांड लेने पहुंचे थानेदार ने कोर्ट पर की टिप्पणी, तीन दिन में मांगा गया स्पष्टीकरण

भू-माफिया कमलेश यादव व दीनानाथ प्रजापति के विरुद्ध 10 अक्टूबर 2023 को धारा 447 व 506 के तहत एम्स थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। दोनों पर 13 स्वर्ण व्यापारियों के 2.85 करोड़ हड़पने का भी आरोप है।एम्स थाना के जगदीशपुर चौकी प्रभारी रमेश चंद्र कुशवाहा विवेचक हैं। कमलेश-दीनानाथ का 14 दिन का रिमांड लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। बुधवार को दोनों अभियुक्त जेल से तलब किए गए।

By Vivek Shukla Edited By: Vivek Shukla Published: Thu, 02 May 2024 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 09:30 AM (IST)
कस्टडी रिमांड लेने पहुंचे थानेदार न्यायालय पर टिप्पणी करके घिर गए।

 जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जिस भू-माफिया पर 49 मुकदमे दर्ज हैं। सौ करोड़ रुपये अधिक की अर्जित संपत्ति जब्त हो चुकी है। गैंगस्टर के ऐसे आरोपितों की कस्टडी रिमांड लेने पहुंचे थानेदार न्यायालय पर टिप्पणी करके घिर गए।

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प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) अरुण यादव ने एम्स थानेदार संजय कुमार सिंह के आचरण को न्यायालय की अवमानना मानते हुए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।

जवाब न देने पर न्यायिक अवमानना की कार्रवाई के लिए मामला उच्च न्यायालय को संदर्भित करने की चेतावनी दी है। विवाद बढ़ने और अधिवक्ताओं के जुटने पर कैंट थाना पुलिस ने एम्स थानेदार को किसी तरह बाहर निकाला। भू-माफिया कमलेश यादव व दीनानाथ प्रजापति के विरुद्ध 10 अक्टूबर 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 447 व 506 के तहत एम्स थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।

दोनों पर 13 स्वर्ण व्यापारियों के 2.85 करोड़ हड़पने का भी आरोप है। वर्तमान में दोनों आरोपित जेल में निरुद्ध हैं। एम्स थाना के जगदीशपुर चौकी प्रभारी रमेश चंद्र कुशवाहा विवेचक हैं। कमलेश और दीनानाथ का 14 दिन का रिमांड लेने के लिए उन्होंने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था। बुधवार को दोनों अभियुक्त जेल से तलब किए गए।

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अभियुक्त के अधिवक्ता रिमांड का विरोध कर रहे थे। कोर्ट ने अभियोजन से पूछा कि किस प्रकार धारा 447 गठित हो रही है और धारा 506 के अपराध की तिथि, समय और स्थान क्या है?

न्यायालय का कहना है कि एम्स थाने के प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार सिंह ने कहा कि अभियुक्त इसी न्यायालय में सुनवाई चाहता है। आपको सुनवाई नहीं करनी चाहिए। कोर्ट ने उन्हें शांत रहने के लिए कहा तो वह व्यक्तिगत टिप्पणी करने लगे।

न्यायालय ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जाने को कहा तो उन्होंने कहा कि मैं कस्टडी में नहीं जाऊंगा। कोर्ट ने इसे न्यायिक कार्य में अनावश्यक हस्तक्षेप मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया। प्रभारी सीजेएम ने इस मुकदमे की सुनवाई दूसरे न्यायालय में करने के लिए जिला जज को पत्र लिखा है।

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घटना के बाद जिला जज तेज प्रताप तिवारी ने एसएसपी डा.गौरव ग्रोवर व एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई को तलब कर प्रकरण में बातचीत की। घटना से आक्रोशित अधिवक्ता कोर्ट की अवमानना करने वाले एम्स थानेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

गोरखपुर सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडेय ने कहा कि न्यायालय में मजिस्ट्रेट से बहस करने वाले एम्स थानेदार पर पुलिस अधिकारी तत्काल कार्रवाई करें। रिमांड लेने के दौरान प्रभारी सीजेएम पर व्यक्तिगत टिप्पणी करना कोर्ट की अवमानना है।


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