Sampurnanand Sanskrit University में काॅलेजों की मान्यता की 200 फाइलें दो साल से लंबित

Sampurnanand Sanskrit University में मान्यता की करीब 200 फाइलें गत दो साल से लंबित हैं। विश्वविद्यालय ने पिछले पांच साल में बड़े पैमाने में कालेजों की मान्यता नहीं दी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 09:47 AM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 09:52 AM (IST)
Sampurnanand Sanskrit University में काॅलेजों की मान्यता की 200 फाइलें दो साल से लंबित
Sampurnanand Sanskrit University में काॅलेजों की मान्यता की 200 फाइलें दो साल से लंबित

वाराणसी, जेएनएन। Sampurnanand Sanskrit University में मान्यता की करीब 200 फाइलें गत दो साल से लंबित हैं। विश्वविद्यालय ने पिछले पांच साल में बड़े पैमाने में कालेजों की मान्यता नहीं दी। हालांकि बीच-बीच में दो-चार विद्यालयों को ही मान्यता प्रदान की गई थी। वहीं वर्तमान सत्र में करीब 25 महाविद्यालयों को मान्यता देने के लिए विश्वविद्यालय पैनल भी गठित कर चुका है लेकिन मार्च में लॉकडाउन हो जाने के कारण पैनल महाविद्यालयों का निरीक्षण अब तक नहीं कर सका है। फिलहाल जुलाई-अगस्त से पहले निरीक्षण करने की संभावना भी काफी कम है। वर्तमान में विश्वविद्यालय की पहली प्राथमिकता शास्त्री-आचार्य की परीक्षाएं कराना है।

वर्ष 2012 में तत्कालीन कुलपति प्रो. बिंदा प्रसाद मिश्र ने गुणवत्ता के नाम पर नए कालेजों की मान्यता पर रोक लगा दी थी। यही नहीं उन्होंने मान्यता के लिए आवेदन पत्र के वितरण भी रोक दिया था। वहीं वर्ष 2014 में कुलपति का कार्यभार संभालने के बाद डा. पृथ्वीश नाग ने मान्यता खोल दी। प्रो. बिंदा के कार्यकाल में मान्यता की करीब करीब 350 मान्यता की फाइलें डंप पड़ी हैं। इसमें से कई विद्यालयों को मान्यता देने के लिए औपचारिकताएं भी पूरी की जा चुकी हैं।

बावजूद इसके विश्वविद्यालय से उन्हेंं मान्यता नहीं दी गई। बाद में कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे के कार्यकाल में 20-25 नए विद्यालयों को मान्यता प्रदान किया गया। वर्तमान कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल भी आवेदन करने वाले विद्यालयों का मान्यता देने पक्ष में हैं। यही कारण है कि मान्यता प्रदान करने के लिए उन्होंने पैनल भी गठित कर दिया है। कोरोना महामारी के चलते आवेदन करने वाले महाविद्यालयों के भूमि-भवन सहित अन्य मानकों की पड़ताल नहीं हो सकी है। वहीं मानक पूरा न करने सहित अन्य कारणों से 200 फाइलें लंबित हैं। इनमें से करीब 75 विद्यालयों को मान्यता की शर्तें पूरा करने का मौका दिया गया। इसमें सूबे के बाहर के करीब 15 विद्यालय व महाविद्यालय भी शामिल हैं। 

देशभर में 594 कालेज

कुलसचिव राज बहादुर ने बताया कि वर्तमान में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध पूरे देश में लगभग 594 कालेज हैं। संबद्धता का जाल कोलकाता, महाराष्ट्र, बिहार, जम्मू कश्मीर, सिक्किम, उड़ीसा सहित अन्य प्रदेशों में फैला हुआ है।  इस साल मान्यता के लिए आवेदन करने वाले महाविद्यालयों की जांच के लिए पैनल गठित कर दिया गया है। लॉकडाउन होने के कारण पैनल अब तक महाविद्यालयों का निरीक्षण नहीं कर सकी है। अब लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही महाविद्यालयों का निरीक्षण संभव है। पैनल की रिपोर्ट आने के बाद ही मान्यता समिति की बैठक बुलाई जाएगी।

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