जांच में 150 शिक्षकों की डिग्री मिली फर्जी, एसआइटी ने की परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी की पड़ताल

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल कर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के अंकपत्रों का दोबारा सत्यापन हो रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 06:25 PM (IST) Updated:Thu, 24 Oct 2019 02:03 PM (IST)
जांच में 150 शिक्षकों की डिग्री मिली फर्जी, एसआइटी ने की परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी की पड़ताल
जांच में 150 शिक्षकों की डिग्री मिली फर्जी, एसआइटी ने की परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी की पड़ताल

वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल कर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के अंकपत्रों का दोबारा सत्यापन हो रहा है। विश्वविद्यालय 65 में से 32 जिलों के डायटों को अंकपत्रों का सत्यापन कर भेज भी चुकी है। इसमें करीब डेढ़ सौ से अधिक शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। हालांकि विश्वविद्यालय जिलेवार फर्जी डिग्री मिलने वाले शिक्षकों की संख्या उपलब्ध नहीं करा सका। 

परीक्षा अभिलेखों की जांच कर रही एसआइटी (विशेष अनुसंधान दल) ने सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर विभिन्न जनपदों में इन शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई होने का दावा किया है। सूबे के विभिन्न जनपदों में बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित विद्यालयों में विश्वविद्यालय के उपाधिधारक बड़े पैमाने पर चयनित हुए थे। विवि पर  अंकपत्रों के सत्यापन रिपोर्ट में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरतने का आरोप है। एक बार वैध तो दूसरी बार उसी परीक्षार्थी को फर्जी बताया गया। इसे देखते हुए शासन के निर्देश पर एसआइटी (विशेष अनुसंधान दल) 65 जिलों में चयनित अध्यापकों के अंकपत्रों का नए सिरे से जांच करा रही है। वहीं फर्जीवाड़े की पड़ताल के लिए एसआइटी की टीम दो दिन से विश्वविद्यालय में डेरा डाले हुए हैं। एसआइटी के इंस्पेक्टर वीके सिंह के नेतृत्व में सहित दो सदस्यीय टीम दूसरे दिन बुधवार को कुलपति प्रो. राजाराम से भी मिली। उनसे सप्ताहभर में लंबित 33 जिलों के अंकपत्रों का सत्यापन रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने यथाशीघ्र सभी जिलों के अंकपत्रों का सत्यापन कर रिपोर्ट देने का आश्वासन दिया। इस दौरान एसआइटी की टीम परीक्षा नियंत्रक विशेश्वर प्रसाद से मिली। उनसे वर्ष 2004 से 2014 तक (दस वर्ष) तक परीक्षा गोपनीय में काम करने कर्मचारियों नाम, उनकी कार्यावधि तथा स्थायी पता मांगा था। परीक्षा नियंत्रक ने कर्मचारियों का नाम उन्हें सौंप दिया है।

दो माह में जांच पूरी करने का दावा

शासन के निर्देश पर एसआइटी विश्वविद्यालय के परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी की जांच पिछले तीन सालों से कर रही है। जांच लगभग पूरा हो गया है। एसआइटी के इंस्पेक्टर वीके सिंह का दावा है कि दो माह के भीतर रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी। 

समानांतर सत्यापन का खेल

समानांतर सत्यापन का खेल अब भी जारी है। विभिन्न डायटों में एक ही अनुक्रमांक व एक ही डिग्री का दो-दो सत्यापन पहुंच रहा है। एक रिपोर्ट में फर्जी व दूसरी रिपोर्ट में उसी अनुक्रमांक पर प्रथम श्रेणी दर्शाया गया है। इसे लेकर डायटों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वहीं समानांतर सत्यापन रिपोर्ट देख विश्वविद्यालय ही हैरान है। जालसाजों ने हाल में आए परीक्षा नियंत्रक विशेश्वर प्रसाद का भी फर्जी हस्ताक्षर से रिपोर्ट बना ली है।

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