बाजारों में दीपावली की धूम

सुल्तानपुर : सुख-समृद्धि एवं संपन्नता के प्रतीक पर्व दीपोत्सव में अब चंद दिन ही शेष रह गए हैं। घर-बा

By Edited By: Publish:Sun, 19 Oct 2014 08:46 PM (IST) Updated:Sun, 19 Oct 2014 08:46 PM (IST)
बाजारों में दीपावली की धूम

सुल्तानपुर : सुख-समृद्धि एवं संपन्नता के प्रतीक पर्व दीपोत्सव में अब चंद दिन ही शेष रह गए हैं। घर-बाजार हर जगह उत्सव मनाने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। रविवार को शहर के मुख्य बाजार चौक, घंटाघर, ठठेरी बाजार, जीएन रोड, पारकीसगंज, शाहगंज, लखनऊनाका, अस्पताल रोड समेत कस्बों में भी खासी रौनक रही। खील-बताशे हों या लक्ष्मी-गणेश की मिट्टी की मूरतें या फिर दीये व झालरें। इनकी खरीदारी जमकर हुई। वहीं घरों एवं धर्मस्थलों पर भी रंग-रोगन व सफाई का कार्य तेजी से चल रहा है।

इनसेट.मिट्टी के लक्ष्मी-गणेश की बढ़ी मांग

दीपों के महापर्व पर संध्या पूजन में मिट्टी के लक्ष्मी-गणेश की आराधना परंपरागत ढंग से की जानी है। इस मौके पर मिट्टी के दीये व सरसों तेल का प्रयोग होता है। बाजार में अब मिट्टी की मूरतों की मांग पुन: बढ़ गई है। कलाकार लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में तेजी से जुटे हुए हैं तो वहीं बाजार में भी फुटपाथों पर स्टाल लगाकर खिलौने, मूरतों की बिक्री की जा रही है। स्टेशन रोड, चौक, घंटाघर, ठठेरी बाजार आदि इलाकों में दीवाली का बाजार सजा हुआ है।

इनसेट.बिकने लगे खील-बताशे

बढैयावीर, पारकीसगंज, मेजरगंज व घंटाघर इलाके में खील-बताशे फुटपाथ पर बिक रहे हैं। चीनी की परंपरागत मिठाइयों की खरीद फरोख्त में भी खरीदार पूरी रुचि ले रहे हैं। हालांकि बीते वर्ष के मुकाबले इस बार खील-बताशों के दाम में तेजी आई है लेकिन त्योहार की खरीदारी में कोई भी पिछड़ना नहीं चाहता है।

इनसेट.मांगलिक झालरें व फूल के गजरे मोह रहे मन

बाटा गली, मुरारी दास की गली, पारकीसगंज, गया प्रसाद चौराहा आदि इलाकों में दीपावली पर घरों की सजावट के लिए अलंकारिक वस्तुओं एवं सामानों की बिक्री हो रही है। कृत्रिम गुलदस्ते, फूलों के गजरे और दरवाजों पर सजाई जाने वाली मांगलिक झालरें मनमोह रही हैं। 'स्वास्तिक' अंकित झालरों की मांग ज्यादा है।

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