मानक दरकिनार, आबादी के बीच फिर निस्तारित किया जाएगा कूड़ा
तीन साल से नहीं हो पा रही एक अदद डंपिग स्थल की तलाश। नगर पालिका के रवैए से बाशिंदों में रोष।
सुलतानपुर : इच्छाशक्ति का अभाव कहें या ढुलमुल नीति, जिसके चलते नगर पालिका प्रशासन को एक अदद कचरा डंपिग स्थल नहीं मिल रहा है। परिणाम है कि दशकों पुराने और आबादी के बीच बने सौरमऊ के डंपिग स्थल पर ही फिर से कचरा एकत्रित करने की तैयारी की जा रही है। इस सिलसिले में बुधवार को नगर पालिका के अधिकारियों ने इस स्थल का निरीक्षण किया।
दरअसल, यहां शहरभर का कचरा डालने की तैयारी की जा रही है। नगर पालिका प्रशासन के रवैया को लेकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है। पूर्व में भी स्थानीय लोगों ने यहां कूड़ा डालने और इसके जलाए जाने से होने वाली परेशानियों को लेकर आपत्ति जताई हैं।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के निर्देश के बावजूद शहर का कचरा प्रबंधन मानक के अनुरूप नहीं हो रहा है। पयागीपुर में कचरा से खाद बनाने और ठोस कचरे की नीलामी किए जाने के लिए बना पारस केंद्र अधूरा है। प्रबंधन के लिए निजी क्षेत्र की फर्म से अनुबंध तक नहीं हो सका है। ऐसे में सवा लाख की आबादी वाले इस शहर से प्रतिदिन निकलने वाले तकरीबन 40 एमटी कचरे को नदी तट और नालों के किनारों पर डंप किया जाता है।
अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका श्यामेंद्र मोहन चौधरी ने बताया कि कचरा एकत्रित करने काई विकल्प न होने से फिलहाल इस मैदान का प्रयोग किया जा रहा है। बाउंड्रीवाल बनाकर इसे समतल किया गया है। प्रयास किया जाएगा कि यहां स्थायी रूप से कचरा न एकत्रित रहे।
ठंडे बस्ते में गई योजना :
सौरमऊ के तकरीबन सात एकड़ के इस स्थल को अमृत योजना के जरिए विकसित किया जाना था। यहां पर 60 लाख रुपये की लागत से पार्क निर्माण का प्रस्ताव अब ठंडे बस्ते में है। इसी स्थल के निकट बाइपास का ओवर ब्रिज भी है। यहां कचरा जलाए जाने से उठने वाले विषैले धुंआ से क्षेत्रवासी व वाहन चालक परेशान होते हैं।