ब्याज सहित विद्यालय को लौटानी पड़ेगी फीस

सुल्तानपुर : प्रवेश लेने के बाद छात्र-छात्रा पढ़ाई न करे तो स्कूल को ब्याज सहित फीस की रकम लौटानी हो

By Edited By: Publish:Thu, 26 Mar 2015 09:19 PM (IST) Updated:Thu, 26 Mar 2015 09:19 PM (IST)
ब्याज सहित विद्यालय को लौटानी पड़ेगी फीस

सुल्तानपुर : प्रवेश लेने के बाद छात्र-छात्रा पढ़ाई न करे तो स्कूल को ब्याज सहित फीस की रकम लौटानी होगी। जिला उपभोक्ता फोरम ने इस संबंध में ऐतिहासिक फैसला करते हुए विद्यालय को ब्याज सहित फीस लौटाने व जुर्माना देने का आदेश दिया है।

जयसिंहपुर तहसील के पीढ़ी चौराहा मेहइचा निवासी मनोज कुमार की सोलह वर्षीय पुत्री शिवांगी ने शहर के लालडिग्गी स्थित कमला नेहरु इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड एजुकेशन में कक्षा 11 में प्रवेश के लिए 1000 रुपये जमाकर फार्म खरीदा था। प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 27 मई 2014 को 15000 रुपये एडमिशन फीस जमा की थी। लेकिन टीसी मिलने में देरी होने पर वह एक दिन विलंब से स्कूल पहुंची। शिवांगी का कहना है कि विद्यालय के प्राचार्य ने उनकी समस्या सुनने की बजाय दूसरे स्कूल में एडमिशन करा देने की बात कही। इस पर 30 मई को शिवांगी का प्रवेश अन्यत्र विद्यालय में कराया गया। जब छात्रा की मां प्रियंका तिवारी ने प्रवेश परीक्षा व एडमिशन के समय जमा कुल रुपये वापस लेने का प्रार्थनापत्र दिया तो प्राचार्य ने इंकार कर दिया। इस पर प्रियंका ने बेटी की ओर से उपभोक्ता फोरम में एक अगस्त 2014 को मुकदमा दायर किया। जिसके जवाब में प्राचार्य ने कहाकि बालिका ने स्वयं स्कूल छोड़ा है, इसलिए फीस वापस नहीं की जा सकती। फोरम में शिवांगी की ओर से अधिवक्ता शिवा आशीष शुक्ला ने प्रकरण में उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय तथा राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में पारित निर्णयों का हवाला दिया। जिसमें एडमिशन फीस वापस न किए जाने को 'अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस' कहा गया है। फोरम के अध्यक्ष बृजेश कुमार व सदस्यता मीरा सिंह ने दोनों पक्षों की बहस सुनने व प्रपत्रों का अवलोकन करने के बाद विपक्षी विद्यालय के प्राचार्य को आदेश दिया है कि एक महीने के अंदर शिवांगी तिवारी को नौ प्रतिशत ब्याज सहित फीस के रूप में जमा 15000 रुपये वापस करें। साथ ही मुकदमे के खर्च व मानसिक कष्ट के लिए एकमुश्त दस हजार रुपये हर्जाना भी दें।

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