राधा रानी का नाम लेने से दूर होंगी विपत्तियां

जागरण संवाददाता चोपन (सोनभद्र) चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत सिदुरिया में बाबा दूधनाथ मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमछ्वागवत महापुराण कथा में व्यास श्रीबाल व्यास शारदानंद ने कहा कि इस युग में हर जीव सुख शांति तो चाहता है लेकिन जिसका नाम लेने से सुख शांति व भक्ति मिलेगी उस नाम को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 06:33 PM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 09:39 PM (IST)
राधा रानी का नाम लेने से दूर होंगी विपत्तियां
राधा रानी का नाम लेने से दूर होंगी विपत्तियां

जासं, चोपन (सोनभद्र) : चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत सिदुरिया में बाबा दूधनाथ मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में व्यास श्रीबाल व्यास शारदानंद ने कहा कि इस युग में हर जीव सुख शांति तो चाहता है लेकिन, जिसका नाम लेने से सुख, शांति व भक्ति मिलेगी उस नाम को नहीं लेता। वह नाम है सर्वेश्वरी श्री राधा रानी। जिस जिह्वा पर राधा रानी का नाम होगा, उस जीव की सारी विपत्तियां नष्ट हो जाएंगी।

कहा कि एक विद्वान ब्राह्मण धर्मदेव की पत्नी धुंधुली ने संत द्वारा पुत्र प्राप्ति के लिए दिया गया फल प्रसव पीड़ा के डर से फल गाय को खिला दिया। और बहन के बच्चे को अपना बच्चा बता दिया। बताया कि फल के प्रभाव से गाय को भी एक पुत्र पैदा हुआ जो गोकर्ण कहलाया और धुंधुली का पुत्र धुंधकारी कहलाया। गोकर्ण एक विद्वान और तपस्वी हुए और धुंधकारी तामसिक प्रवृत्ति का दुष्ट, अहंकारी और वेश्यागामी हुआ। एक दिन वेश्याओं के द्वारा उसे आग में जलाकर मार डाला गया और वह प्रेत योनि में प्रवेश कर गया। एक दिन गोकर्ण अपने पुराने घर में शयन करने के लिए गए तो प्रेत के रूप में उनका भाई धुंधकारी उनसे अपनी पीड़ा व्यक्त किया। सूर्यदेव के मार्गदर्शन से गोकर्ण ने भाई की आत्मा शांति के लिए एक सप्ताह भागवत कथा का आयोजन किया।

भगवान सदैव धर्म का लेते हैं पक्ष

घोरावल : नगर के धर्मशाला परिसर में आयोजित श्रीमद्भगवत कथा में भजन कीर्तन और नृत्य हुआ। ब्रजरज दासजी महाराज ने महाभारत युद्ध की विभिन्न घटनाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान सदैव धर्म का पक्ष लेते हैं। धर्म के मार्ग का अनुसरण करना ही हमारे लिए कल्याणकारी है। इसमें नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश कुमार, पूर्व चेयरमैन राकेश कुमार, अशोक उमर, प्रकाशचंद्र अग्रहरि, नंदलाल उमर, द्वारिका नाथ खेमका, अमर सिंह जायसवाल, प्रमोद अग्रहरि, उदित लाल अग्रहरि, रमेशचंद्र पांडेय, कृष्ण कुमार किशानु, ओंकार नाथ, संतोष कुमार व पप्पू आदि थे।

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