सोनभद्र से लंबे रूट की ट्रेनों की दरकार
करीब 25 लाख रुपये से अधिक मासिक आय वाले रेलवे स्टेशन सोनभद्र की व्यवस्थाओं में काफी तेजी से बदलाव हो रहा है। यहां कैश की किल्लत को दूर करने के लिए एटीवीएम मशीन लगाने का प्रस्ताव हुआ है तो वहीं नया प्लेटफार्म भी बनाया गया है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : करीब 25 लाख रुपये से अधिक मासिक आय वाले रेलवे स्टेशन सोनभद्र की व्यवस्थाओं में काफी तेजी से बदलाव हो रहा है। यहां कैश की किल्लत को दूर करने के लिए एटीवीएम मशीन लगाने का प्रस्ताव हुआ है तो वहीं प्लेटफार्म भी बनाया गया है। अब जरूरत है तो यहां से लंबे रूट के लिए ट्रेनों की।
1954 में रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ था। उस समय स्टेशन का नाम राबर्ट्सगंज रखा गया लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर सोनभद्र कर दिया गया। गत कुछ वर्षों में काम तेजी से हुआ है। स्टेशन की सुविधाओं पर गौर करें तो पहले जहां मात्र एक प्लेटफार्म था अब दो हो गया है। एक प्लेटफार्म होने से यहां आने वाली ट्रेनों को रोककर चलाना पड़ता था। कभी-कभी एक साथ ट्रेन आने पर यात्रियों को या तो किसी ट्रेन से होकर गुजरना पड़ता था या फिर पटरी पार करके। इससे हर वक्त खतरा रहता था।
कानपुर व मुंबई के लिए नहीं है ट्रेन
सोनभद्र रेलवे स्टेशन से कानपुर व मुंबई के लिए कोई ट्रेन नहीं है। कानपुर के लिए ट्रेन चले तो जिले के चार ब्लाक घोरावल, राबर्ट्सगंज, चतरा व नगवां क्षेत्र के व्यापारियों को काफी राहत होगी। इसके अलावा मुंबई या कोलकाता के लिए भी कोई ट्रेन नहीं है। दिल्ली के लिए एकमात्र मूरी एक्सप्रेस और लखनऊ के लिए त्रिवेणी है। इन दोनों स्थलों के लिए भी ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। बढ़ रही है यात्रियों की संख्या
सोनभद्र रेलवे स्टेशन से आवागमन करने वाले यात्रियों की प्रतिदिन संख्या तीन हजार से अधिक है। स्टेशन से जुड़े अधिकारियों की मानें तो यात्री सुविधाओं में तो अभी स्टेशन डी श्रेणी का है लेकिन यहां से प्रतिदिन 1200 के करीब यात्रियों का टिकट बनता है। इतने ही यात्री आते भी हैं। इससे रेलवे को करीब 25 लाख रुपये प्रतिमाह की आय होती है।
स्टेशन का निर्माण : वर्ष 1954
प्रतिदिन यात्रियों की संख्या : 2400
मासिक आय : 25 लाख
चलने वाली कुल ट्रेन : 8 जोड़ी