कार्य में अनियमितता, फर्म को काली सूची में डाला

आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का निर्माण कराने में की गई अनियमितता के मामले में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने कार्यदायी संस्था को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। यानि यह फर्म अब न तो कहीं टेंडर डाल पाएगी और न ही इसे कोई काम मिलेगा। विभाग ने कार्रवाई करते हुए इस मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 07:03 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 07:03 PM (IST)
कार्य में अनियमितता, फर्म को काली सूची में डाला
कार्य में अनियमितता, फर्म को काली सूची में डाला

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का निर्माण कराने में की गई अनियमितता के मामले में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने कार्यदायी संस्था को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। यानि यह फर्म अब न तो कहीं टेंडर डाल पायेगी और न ही इसे कोई काम मिलेगा। विभाग ने कार्रवाई करते हुए इस मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है।

ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर 2016 में आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए टेंडर डाला गया। उस दौरान 22 केंद्रों को बनाने के लिए मेसर्स आइपीएस कंस्ट्रक्शन सरवट को टेंडर मिला। फर्म की तरफ से समय पर कार्य भी शुरू कराया गया। आरोप है कि काम में अनियमितता की गई है। इसके साथ ही आगे चलकर कार्य में सुस्ती की गई और काम में देरी होने लगी। इसी बीच निर्माण कार्य की जांच की गई तो गुणवत्ता की कमी मिली। साथ ही अन्य भी कई कमियां मिलीं। ऐसे में नोटिस भेजने व अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद फर्म को ब्लैक लिस्टेट कर दिया गया है। बोले अधिकारी..

आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण में अनियमितता की गई। इसी आरोप में फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। साथ ही मामले से उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। जो भी कार्रवाई की गई है वह नियमानुसार ही है। आपीएस कंस्ट्रक्शन को जिले में 22 आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए जिम्मेदारी दी गई थी। पहले कई बार नोटिस भी फर्म को दी गई थी।

-रामजीत राम यादव, एक्सईएन-आरइएस।

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मुझे 15 अगस्त तक कार्य पूर्ण करने के लिए विभाग की तरफ से पत्र दिया गया था। उसका जवाब हमने लिखित में दिया। कहा कि जो कार्य कराये गये उनकी मजदूरी व मिस्त्री का भुगतान विभाग की तरफ से ही किया जाना था, लेकिन नहीं किया गया। साथ ही कार्य की गुणवत्ता खराब होने का जो आरोप लगाया गया है वह गलत है। हमारी फर्म को ब्लैकलिस्टेड करने या उससे पहले की हमें कोई नोटिस भी नहीं मिली।

- सतीश श्रीवास्तव, प्रोपराइटर- आइपीएस कंस्ट्रक्शन।

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