कार्रवाई को लेकर आक्रोश

ओबरा तापीय परियोजना में विगत 14 अक्टूबर को केबल गैलरी में लगी आग के मामले में निलंबित किये गये अधीक्षण अभियंता को लेकर नाराजगी के साथ सवाल भी खड़े हो गये हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 07:53 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 07:53 PM (IST)
कार्रवाई को लेकर आक्रोश
कार्रवाई को लेकर आक्रोश

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा तापीय परियोजना में गत 14 अक्टूबर को केबिल गैलरी में लगी आग के मामले में निलंबित किये गये अधीक्षण अभियंता को लेकर नाराजगी के साथ सवाल भी खड़े हो गये हैं। ओबरा ब तापघर की 12 वीं इकाई को चालू करने के दौरान हुई घटना के मामले में अधीक्षण अभियंता (मुख्यालय) इं. सुरेश पर हुई कार्यवाही को लेकर अभियंता संघ ने कड़ी नाराजगी जताई है। जांच समिति द्वारा घटना से आठ माह पहले के एक प्रस्ताव को आधार बनाकर की गयी कार्रवाई कई सवाल खड़े कर रही है।

सूत्रों के अनुसार  जिस समय केबिल गैलरी में आग लगी उस समय 12 वीं इकाई के जीर्णोद्धार के बाद संचालन के दौरान मौके पर पहले से ही फायर टेंडर व सीआइएसएफ के जवान तैनात थे। आग लगने की शुरुआत फायर टेंडर से महज 30 से 40 मीटर की दूरी पर ही हुई थी। ऐसे में तुरंत आग क्यों नहीं बुझाई गयी।अगर समय रहते शुरुआती आग को बुझा दी गयी होती तो शायद मुख्य नियंत्रण कक्ष, 12 वीं, 13 वीं यूनिट का स्वीच गेयर व कण्ट्रोल रूम सहित अन्य एरिया को जलने से बचा लिया गया होता। प्रबंधन स्तर के अधिकारियों को बचाने का आरोप

उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा की गयी निलंबन की कार्रवाई को खारिज करते हुए अभियंता संघ ने आरोप लगाया है कि इस मामले में प्रबंधन स्तर के अधिकारियों को बचाया जा रहा है। अभियंता संघ के प्रांतीय अध्यक्ष  जी के मिश्र एवं क्षेत्रीय सचिव अदालत वर्मा ने  कहा कि केबिल गैलरी में तीन दशक पहले इकाइयों की स्थापना से ही फायर प्रोटेक्शन सिस्टम नहीं लगा था। पांचों इकाइयों के जीर्णोद्धार कार्य को जब ़फरवरी 2007 में लगभग 1630 करोड़ में कराने के दौरान केबिल गैलरी में फायर प्रोटेक्शन सिस्टम लगाने का प्रस्ताव परियोजना स्तर से निगम मुख्यालय को भेजा गया था, लेकिन इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को निगम प्रबंधन के तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बीएचईएल के स्कोप से हटा दिया गया था। अपनी इस बड़ी भूल पर निगम प्रबंधन पर्दा डालकर वर्तमान अधीक्षण अभियंता को जिम्मेदार ठहरा रहा है। कहा कि यदि जल्द ही अधीक्षण अभियंता इं. सुरेश का निलंबन वापस नहीं लेता है तो अभियंता संघ प्रदेश व्यापी आन्दोलन के लिए बाध्य होगा। कहा कि प्रबंधन एक तरफ तो बिजली अभियंताओं को आवश्यक मैन, मैटीरियल एवं बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने में पूरी तरह विफल हो रहा है तो दूसरी तरफ दंड एवं भय पैदा कर अभियंताओं का मनोबल तोड़ना चाहता है।

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