चारे व पानी की समस्या से बेहाल पशुपालक

गो¨वदपुर (सोनभद्र): म्योरपुर ब्लाक क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में पशुपालन कर जीविकोपार्जन करे वाले लो

By Edited By: Publish:Mon, 23 May 2016 07:05 PM (IST) Updated:Mon, 23 May 2016 07:05 PM (IST)
चारे व पानी की समस्या से बेहाल पशुपालक

गो¨वदपुर (सोनभद्र): म्योरपुर ब्लाक क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में पशुपालन कर जीविकोपार्जन करे वाले लोगों को सूखे एवं गर्मी की सर्वाधिक मार झेलनी पड़ रही है। एक ओर चारे की किल्लत है तो दूसरी ओर पानी की भारी कमी। ऐसी स्थिति में पशुपालक अपने पशुओं के चारे व पानी की व्यवस्था करने के चक्कर में परिजनों को दो जून की रोटी उपलब्ध करा पाना भारी पड़ने लगा है। वहीं बढ़ती गर्मी के कारण दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ने से आय घटती जा रही है।

ब्लाक क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में पशुपालन एवं दुग्ध व्यवसाय से जुड़े लोगों की अच्छी संख्या है। लोग दुग्ध व्यवसाय के सहारे जीवन यापन करते हैं। विगत कई वर्षों से कम वर्षा एवं सूखे के कारण क्षेत्र में चारे की भारी किल्लत बनी हुई है। सूखे की वजह से रबी की फसलें हुई ही नहीं, जिस कारण भूसे का उत्पादन भी नहीं हुआ। धान की फसलें पहले ही सूख गई थी। इन दिनों सूर्य के ताप ने पानी की भी समस्या उत्पन्न कर दी है। ऐसे में पशुपालक अपने पशुओं को जीवित रख पाने में संघर्ष करने को बाध्य हैं। पानी एवं चारे के प्रबंध में फंस के वे अपने परिजनों के पेट भरने की जुगत नहीं कर पा रहे हैं। दुग्ध उत्पादन में भारी गिरावट के कारण पशुपालकों की आय तेजी से घटी है। ऐसे में उनके सामने एक ओर पशुओं की रक्षा तो दूसरी ओर परिजनों के परवरिश की समस्या मुंह बाए खड़ी है। जामपानी, लिलासी, परनी, पड़री, गड़िया, खैराही, रनटोला, देवरी, किरविल, काचन सहित दो दर्जन गांवों के पशुपालक चारे एवं पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। चारे की कमी से पशुओं के स्वास्थ्य पर तो बुरा प्रभाव पड़ ही रहा है। सर्वाधिक प्रभाव पशुपालक परिवारों पर पड़ रहा है जो इस भयंकर सूखे से पार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पशुपालकों ने जिला प्रशासन से चारे की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग की है।

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