भक्ति के आगे झुकते हैं भगवान : मारूति नंदन

सिद्धार्थनगर : नगर पंचायत के बैदौला चौराहे पर आयोजित संगीतमयी राम कथा में मारूति नंदन जी महाराज ने

By Edited By: Publish:Sun, 22 Nov 2015 09:49 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2015 09:49 PM (IST)
भक्ति के आगे झुकते हैं भगवान : मारूति नंदन

सिद्धार्थनगर : नगर पंचायत के बैदौला चौराहे पर आयोजित संगीतमयी राम कथा में मारूति नंदन जी महाराज ने कहा कि भगवान स्वयं भक्तों के आगे झुकते हैं, परंतु उसकी भक्ति सच्ची होनी चाहिए।

कथा का शुभारंभ राम-सुग्रीव मित्रता से शुरू किया और अंत में राम के राज्याभिषेक तक की कथा सुंदर ढंग से सुनाई, जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे। महाराज ने बड़े ही भाव पूर्ण ढंग से हनुमान जी के निर्मल एवं निश्छल भक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि सीता जी की खोज में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व लक्ष्मण वन-वन भटक रहे थे, तभी पर्वत पर हनुमान जी भेंट हुई, फिर हनुमान जी द्वारा सुग्रीव से मित्रता कराई जाती है। सीता की खोज में हनुमान जी के साथ वानरों का एक दल दक्षिण दिशा में जाता है, लंका में सीता जी के होने की सूचना पर हनुमान जी लंका में प्रस्थान करते हैं तथा सीता माता से मिलकर अशोक वाटिका में फूल, फूल तोड़ते हुए रावण की लंक ा जलाकर वापस आते हैं। पुन: राम जी की सेना समुद्र तट पर सेतु बनाकर लंका में पहुंचती है, अंगद को शांति दूत बनाकर भेजा जाता है, परंतु रावण का अहंकार अंतत: युद्ध करा ही देता है, राम-रावण युद्ध में रावण समेत उसकी सेना संहार होता है। श्री राम जी विभीषण को लंका का राजा बनाकर वापस अयोध्या आते हैं, जहां उनका राज्याभिषेक बड़े ही धूमधाम से होता है। आयोजक रामानंद दास जै श्री, परमात्मा, लालू रमेश चंद्र श्रीवास्तव, प्रदीप समेत बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।

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