साइबर क्राइम पर ढीली पुलिस की डोर

By Edited By: Publish:Wed, 16 Jul 2014 09:30 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jul 2014 09:30 PM (IST)
साइबर क्राइम पर ढीली पुलिस की डोर

सिद्धार्थनगर : एक के बाद एक बैंक का एटीएम कार्डधारक साइबर क्राइम का शिकार बनता जा रहा है। डुमरियागंज क्षेत्र में इस तरह की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जिस पर न तो पुलिस प्रशासन अंकुश लगा पा रहा और न ही बैंकिंग संस्था कोई ठोस कदम उठा रही हैं। लगभग 10 माह के आंकड़े पर गौर करें तो दर्जन भर एटीएम कार्डधारक साइबर क्राइम के जरिये ठगी का शिकार हो चुके हैं।

बीते आठ जुलाई 2014 को तहसील अन्तर्गत ग्राम जुड़वनिया निवासी राम लाल पुत्र रामानंद साइबर क्राइम का शिकार बन गया। भारतीय स्टेट बैंक शाखा डुमरियागंज में इसका खाता है जिसका नंबर 30295427781 है। उपभोक्ता ने बैंक से मैसेज एलर्ट सुविधा ले रखी है। आठ जुलाई को उसकी मोबाइल में मैसेज आया कि उसके खाते से 2500 रुपया निकाला गया। पहले तो उसकी समझ में कुछ नहीं आया। बैंक से डिटेल निकलवाई तो ज्ञात हुआ कि खाते से 37 हजार 500 रुपया निकल चुका है, इन रुपयों से नोएडा क्षेत्र परचेजिंग दिखाई गई।

इसी तरह 17 मई 2014 को धोबहा बाजार निवासी राम निवास अग्रहरि पुत्र चतूर प्रसाद ठगी का शिकार हुआ, जिसके खाते से अवैध तरीके से 13 हजार रुपया निकल गया। उपभोक्ता डुमरियागंज स्थित भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास शाखा के एटीएम पर रुपया निकलने के वास्ते गए थे, एटीएम की सही ढंग से जानकारी न होने के कारण उन्होंने एटीएम मशीन केबिन के अंदर एक अन्य व्यक्ति से सहयोग मांगा। उसने इधर-उधर एटीएम कार्ड करने के उपरांत कहा कि आपका रुपया नहीं निकल रहा है और खुद आगे आकर पैसा निकलने लगा। रुपया निकालने के उपरांत वह वापस चला गया। राम नेवास ने जब पुन: एचडीएफसी एटीएम से रुपया निकलने की कोशिश तो ज्ञात हुआ कि उनके खाते में मात्र 884 रुपया शेष है। जब शाखा प्रबंधक से जानकारी ली तो पता चला कि थोड़ी पहले ही उनके खाते से 13 हजार रुपया एटीएम के जरिए ही निकाला गया है।

15 अप्रैल 2014 को डुमरियागंज थानान्तर्गत ग्राम औसान कुइयां निवासी जाकिर हुसैन पुत्र मनव्वर हुसैन भी ठगी का शिकार हुआ। भारतीय स्टेट बैंक हल्लौर शाखा के बैंक इस उपभोक्ता, जिसका खाता नंबर 2005440886 है, पंद्रह अप्रैल को वह बैंक आए और चेक के माध्यम से 49 हजार रुपया निकाला। बैलेंस चेक करने के वास्ते एटीएम रूम गए और डिटेल निकाला तो एक लाख, छत्तीस हजार शेष दिखाया गया, इस बीच एटीएम में खड़े एक व्यक्ति ने धोखे से इनका एटीएम बदल लिया और इन्हें खबर भी नहीं हुई, बैलेंस चेक करते समय कोड भी पता कर लिया। पहले तो कुछ जानकारी ही नहीं हुई लेकिन जब 23 अप्रैल को उनके मोबाइल पर मैसेज आया तो देखा कि सारा का सारा यानी 1 लाख 36 हजार रुपया किसी के द्वारा निकाल लिया है।

26 सितंबर 2013 को ग्राम सोनखर निवासी जय प्रकाश पुत्र कुंज बिहारी इसी तरह साइबर क्राइम के शिकार हुए। भारतीय स्टेट बैंक डुमरियागंज के खाता धारक जिनका खाता नंबर 32175321109 है। इन्होंने एटीएम कार्ड तथा मोबाइल बैंकिंग सुविधा भी ले रखी थी। 26 सितंबर को उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि खाते से 2961.24 रुपया निकाला गया है। पहले वह कुछ समझ ही नहीं पाए मगर 27 सितंबर को पुन: मैसेज आया और 1481.24 रुपया निकालने का दर्शाया गया। उपभोक्ता परेशान होकर बैंक के एटीएम गए और अपना कोड नंबर बदलने की प्रक्रिया में लगे थे, इसी बीच उनके खाते से 2016.26 रुपया फिर निकल गया। कुल 6478.72 रुपया निकाला गया। एटीएम कार्ड को लाक करा दिया गया। जांच में पता चला कि सभी रुपये रेलवे टिकट परचेजिंग के नाम पर निकाले गये है। इसी तरह कई छोटे ग्राहक जिनका दो से तीन हजार रुपया परचेजिंग के नाम पर निकला। जो बेचारे बिना शिकायत अपना एटीएम बंद करा दिए।

----------

''साइबर क्राइम की जो घटनाएं हो रही है। उसका कारण स्वयं उपभोक्ता है। यदि ग्राहक अपने एटीएम कार्ड के प्रयोग में सर्तकता बरतें तो कभी ठगी के शिकार नही हो सकते हैं। इसके लिए एटीएम धारकों को कार्ड प्रयोग करते समय स्लिप व कार्ड नम्बर की गोपनीयता को बनाये रखने के साथ दूसरे के हाथ में अपना कार्ड नही देना चाहिए। खरीदारी करते समय भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। होता यह है कि जब धारक अपना कार्ड प्रयोग करता है तो पीछे लगा साइबर क्राइम से जुड़ा बंदा कार्ड नम्बर व पिन कोड को अपने दिमाग में बिठा लेता है, उसके बाद ग्राहक ठगी का शिकार हो जाता है।''

शम्भू नाथ पाण्डेय

मुख्य शाखा प्रबंधक

भारतीय स्टेट बैंक, डुमरियागंज

-------------------

''पुलिस कई मामलों की छानबीन में जुटी है। उसने कई बैंकों से एटीएम गेटवे भी मांगा है। पूर्व में क्राइम ब्रांच को इसमें कुछ सफलता मिली भी है।''

डी.पी.तिवारी

सीओ सदर व क्राइम ब्रांच

chat bot
आपका साथी