चार साल में बीस हजारी शातिर को पकड़ पाई पुलिस

शामलीजेएनएन चार सालों से कार्रवाई के नाम पर महज खानापूरी कर रही पुलिस ने अंतत बुधवार की रात को बीस हजारी के इनामी को दबोच लिया। पुलिस इसे मुठभेड़ दिखाने की कोशिश कर रही है लेकिन इन चार सालों में इस इनामी बदमाश के खिलाफ सिर्फ पर्चे काटने और जांच ही होती रही।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 10:55 PM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 06:03 AM (IST)
चार साल में  बीस हजारी शातिर को पकड़ पाई पुलिस
चार साल में बीस हजारी शातिर को पकड़ पाई पुलिस

शामली,जेएनएन: चार सालों से कार्रवाई के नाम पर महज खानापूरी कर रही पुलिस ने अंतत: बुधवार की रात को बीस हजारी के इनामी को दबोच लिया। पुलिस इसे मुठभेड़ दिखाने की कोशिश कर रही है लेकिन इन चार सालों में इस इनामी बदमाश के खिलाफ सिर्फ पर्चे काटने और जांच ही होती रही।

नगर कोतवाली प्रभारी सुभाष सिंह राठौर ने बताया कि मई वर्ष 2016 में देर शाम को नगर के कैराना रोड पर शांति केयर अस्पताल के सामने एक चालक से ई-रिक्शा व दस हजार रुपये लूट लिए गए थे। यह मामला अज्ञात लुटेरों के खिलाफ दर्ज कराया गया था। बाद में जांच पड़ताल में लुटेरे प्रकाश में आए थे। तब एक शातिर अपराधी गढ़ीपुख्ता के मोहल्ला पीरजादगान निवासी मोहम्मद मियां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। नगर कोतवाली शामली क्षेत्र के गांव लिलौनखेड़ी निवासी कुर्बान पुत्र लतीफ फरार चल रहा था। उसे तभी से पकड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। लेकिन वह पुलिस के हत्थे नही चढ़ रहा था। देर रात बुधवार को नगर कोतवाली पुलिस दिल्ली रोड पर सिटी ग्रीन चौराहे के पास गश्त कर रही थी तभी संदिग्ध हालातों में पैदल जा रहे एक युवक को रोकना चाहा तो उसने पुलिस टीम को देखते हुए तमंचे से फायर कर दिया। तब आरोपित की पुलिस ने घेराबंदी कर उसे किसी तरह दबोच लिया। उसके पास से एक तमंचा व कारतूस बरामद हुआ है। पूछताछ में उसने बताया कि उसने अपने साथियों के साथ गंगोह में एक ट्रैक्टर लूटा था। वह जमानत पर आने के बाद इस मामले में कोर्ट में तारीख पर न जाने के कारण वांछित चल रहा है। उसने बड़ौत में भी एक ई-रिक्शा लूटी थी। मुठभेड़ का मुकदमा दर्ज कर उसका चालान कर दिया है।

उधर, यदि सूत्रों की माने तो पुलिस वर्ष 2016 से इस आरोपित को पकड़ने के लिए पुलिस प्रयास कर रही थी, लेकिन यह प्रयास मात्र दबिश व कार्रवाई के नाम पर पर्चे काटने तक ही सीमित रहे थे क्योंकि मुकदमा दर्ज करने के बाद विवेचना दारोगा डीएस कालिया को दी गई। बाद में फिर से ट्रांसफर की और अब तीसरे विवेचक कोतवाली शामली के एसएसआइ रविद्र चतुर्वेदी कर रहे थे। उन्हें भी यह जांच इस वर्ष जनवरी माह में मिली थी। पिछले साढ़े तीन साल में पुलिस इस आरोपित को सुराग नहीं लगा सकी थी। वैसे पूर्व में जेल भेजे गए आरोपित मोहम्मद मियां के खिलाफ पुलिस ने 11 अगस्त 2016 को चार्जशीट लगा दी थी। गौरतलब तो यह है कि इतने दिनों में कोतवाली के अपराधों की समीक्षा करने वाले किसी भी अधिकारी ने इस मामले में कोई पूछताछ तक नही की, यदि पूछताछ की जाती तो शायद पुलिस की पोल खुलकर सामने आ जाती।

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