'बोल बम का नारा है, भोले हमें पुकारा है'

शामली: शिवभक्ति की बयार बह रही है। भोलेनाथ के जयकारों 'बम-बम भोले', 'बोल बम का नारा है

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Aug 2018 10:19 PM (IST) Updated:Thu, 02 Aug 2018 10:19 PM (IST)
'बोल बम का नारा है, भोले हमें पुकारा है'
'बोल बम का नारा है, भोले हमें पुकारा है'

शामली: शिवभक्ति की बयार बह रही है। भोलेनाथ के जयकारों 'बम-बम भोले', 'बोल बम का नारा है, भोले हमें पुकारा है' आदि से पूरा वातावरण गुंजायमान है। 'भारत माता की जय' का उद्घोष उल्लास और उमंग का संचार कर रहा है। पैरों में छाले न चिलचिलाती धूप भक्तों के कदम रोक पा रही है और वह गंगाजल लेकर गंतव्य की ओर से बढ़ते जा रहे हैं। सात हजार अधिक कांवड़िए अभी तक शामली नगर से गुजर चुके हैं। मंदिरों से लेकर कांवड़ शिविर में रहने-खाने समेत तमाम व्यवस्था की गई हैं। शाम होते ही रंग-बिरंगी लाइटें गजब का दृश्य साकार कर रही हैं।

श्रावण मास शुरू होते ही राजस्थान और हरियाणा के शिवभक्त हरिद्वार पहुंच जाते हैं और गंगाजल लेकर गंतव्य की ओर रवाना होते हैं। पिछले कई दिनों से इनके आने का क्रम शुरू हो गया था। जैसे-जैसे शिवरात्रि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे कांवड़ियों की संख्या बढ़ रही है।

पुलिस-प्रशासन ने सभी इंतजाम पुख्ता कर लिए हैं। शिवभक्तों में उम्र का कोई बंधन नहीं है। युवाओं के साथ बच्चे, महिला और बुजुर्ग भी भक्ति में सराबोर हैं और आतुर हैं भगवान आशुतोष का अभिषेक करने को। भजनों पर नाचते-गाते चल रहे हैं। आस्था के साथ देशभक्ति का संगम भी देखने को मिल रहा है। कंधे पर कांवड़ और हाथों में तिरंगा भी है। भोले के जयकारों के साथ देशभक्ति के नारे भी लगा रहे हैं।

शनिवार से शिवभक्तों की संख्या और बढ़ेगी और फिर बढ़ती ही जाएगी। क्योंकि शुक्रवार को पंचक खत्म हो जाएंगे और सड़कों पर चारों तरफ भगवा ही भगवा छाएगा। व्यवस्था के लिए प्रभारी बनाए

नगर पालिका परिषद के दो सभासद विनोद तोमर और राजीव निर्वाल को कांवड़ यात्रा व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया है। ये दोनों यात्रा मार्ग पर लगातार व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। पालिका में बने कंट्रोल रूम की भी निगरानी कर रहे हैं। दौड़ रहे डाक कांवड़ वाहन

बड़ी संख्या में डाक कांवड़ वाहन भी हरिद्वार की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। सभी पर डीजे लगा है और भोले के भजन गूंज रहे हैं। वहीं, शामली क्षेत्र के भक्तों का भी हरिद्वार जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। रंग-बिरंगी से लेकर एक कुंतल तक की कांवड़

रंग-बिरंगी से लेकर एक कुंतल वजन तक की कांवड़ आकर्षण का केंद्र बनी हैं। दरअसल, श्रद्धालु मन्नत मांगते हैं कि उनकी मुराद पूरी हुई तो वह कितने वजन की कांवड़ लाएंगे। इसमें कलश और जल का कुल वजन एक कुंतल तक भी है। वजन अधिक होता है तो इन्हें हर थोड़ी-थोड़ी दूर बाद रुकना पड़ता है। इसलिए वह हरिद्वार से गंतव्य की ओर काफी पहले ही चल देते हैं।

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