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'धर्म के आधार पर आरक्षण देने वालों को बेनकाब करना जरूरी', सीएम योगी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का किया स्वागत

सीएम योगी आदित्यनाथ ने ओबीसी-मुस्लिम आरक्षण को लेकर आए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने राजनीतिक तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पर चलते हुए 2010 में 118 मुस्लिम जातियों को जबरन ओबीसी में डाल कर ये आरक्षण दिया था।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Published: Fri, 24 May 2024 04:37 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 04:37 PM (IST)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरक्षण को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का किया स्वागत

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओबीसी-मुस्लिम आरक्षण को लेकर आए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है।

पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने राजनीतिक तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पर चलते हुए 2010 में 118 मुस्लिम जातियों को जबरन ओबीसी में डाल कर ये आरक्षण दिया था। इंडी गठबंधन द्वारा देश की कीमत पर राजनीति की जो ये नीति चल रही है, इस होड़ को खारिज और बेनकाब किया जाना चाहिए। सीएम योगी शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ओबीसी का हक जबरदस्ती हड़प रही थीं। इसी असंवैधानिक कृत्य पर माननीय उच्च न्यायालय ने टीएमसी सरकार के फैसले को पलटा है और एक जोरदार तमाचा मारा है। यह कार्य असंवैधानिक था, इसे अनुमति नहीं दी जा सकती है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में इसे बार बार कहा था।

उन्होंने बताया कि भारत में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए और मंडल कमीशन के बाद ओबीसी की सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। धर्म के आधार पर आरक्षण की इजाजत भारत का संविधान कभी नहीं देता। बाबा साहब ने इसके लिए बार बार देश को आगाह किया था कि धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ था और हमें ऐसी कोई स्थिति नहीं पैदा करना चाहिए जो देश को विभाजन की ओर धकेले।

मुख्यमंत्री ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को नजीर बताते हुए कहा कि कर्नाटक के अंदर भी कांग्रेस सरकार ने ओबीसी के अधिकार पर इसी प्रकार की सेंधमारी करते हुए मुसलमानों को आरक्षण देने का काम किया है। साथ ही आंध्र प्रदेश में भी इसी प्रकार की शरारत की गई थी। इन सबका जोरदार विरोध करना जरूरी है। किसी भी उसंवैधानिक कार्य को, जो भारत के विभाजन की आधारशिला रखने वाला हो, भारत को कमजोर करने वाला हो उसे कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।


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