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ज्वाइनिंग से ही ‘मुसीबत’ बन गया था डॉक्टर, राज खुलने के डर से देता रिजाइन की धमकी, पीएम के दौरे में लगी ड्यूटी, फिर…

गत वर्ष सितंबर माह में जिला अस्पताल में फर्जी डिग्री के सहारे विनोद सिंह ने हृदय रोग विशेषज्ञ के पद पर तैनाती ली थी। ज्वाइनिंग के बाद से ही वह विभाग के लिए मुसीबत बन गया था। फर्जी चिकित्सक की जिद के आगे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय जैन को उसके स्थान पर दूसरे का नाम डालने के लिए एसपीजी से लेकर उच्चाधिकारियों तक से चिरौरी करनी पड़ी थी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Fri, 24 May 2024 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 05:29 PM (IST)
ज्वाइनिंग से ही ‘मुसीबत’ बन गया था डॉक्टर, राज खुलने के डर से देता रिजाइन की धमकी।

प्रमोद दुबे, अयोध्या। जिला अस्पताल में नौकरी कर रहा कथित चिकित्सक भेद खुलने के डर में वीवीआईपी ड्यूटी करने से भागता था। ड्यूटी लगते ही वह त्यागपत्र देने की धमकी तक दे डालता था। 

विभाग के अधिकारी काफी मान मनौव्वल के बाद उससे ड्यूटी लेने में कामयाब हो पाते थे। यह समस्या एक बार की नहीं बार-बार सामने आती थी, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी का सामना विभाग को पांच मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के दौरान करना पड़ा। 

फर्जी चिकित्सक की जिद के आगे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय जैन को उसके स्थान पर दूसरे का नाम डालने के लिए एसपीजी से लेकर उच्चाधिकारियों तक से चिरौरी करनी पड़ी थी।

फर्जी डिग्री के सहारे ली थी तैनाती

गत वर्ष सितंबर माह में जिला अस्पताल में फर्जी डिग्री के सहारे विनोद सिंह ने हृदय रोग विशेषज्ञ के पद पर तैनाती ली थी। ज्वाइनिंग के बाद से ही वह विभाग के लिए मुसीबत बन गया था। 

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं उसके बाद भी रामनगरी में आये दिन दर्शन करने के लिए आ रहे वीवीआईपी की ड्यूटी से बचने की उसकी कोशिश से लगाया जा सकता है। 

ड्यूटी लिस्ट मिलते ही वह जाने से मना कर देता था। उसके बाद दबाव बनाने पर त्यागपत्र देने तक की धमकी कई बाद दे चुका था। सीएमएस के काफी मान मनौव्वल के बाद बमुश्किल ड्यूटी करने जाता था।

पत्नी की तबीयत खराब होने का बनाया बहाना 

हद तो तब पार हो गई जब प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान वीवीआईपी ड्यूटी की सूची सीएमओ ने एसपीजी को सौंपी, जिसमें विनोद सिंह का नाम कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में शामिल था, लेकिन उसने पत्नी की तबीयत खराब हाेने की बात कह कर ड्यूटी करने से इनकार कर दिया।

इसके बाद बाद उसे मनाने के लिए जिम्मेदार लग गए, लेकिन उसने किसी की भी नहीं मानी और देर रात तक हंगामा करता रहा, जिसके चलते सीएमओ को एसपीजी से चिकित्सक का नाम बदलने के लिए निवेदन करना पड़ा, लेकिन संभव न हाेने पर आखिरकार विनोद सिंह को ही ड्यूटी पर जाना पड़ा।

विनोद सिंह की तरफ से ड्यूटी करने से मना करने के बाद एसपीजी से उनके स्थान पर दूसरे को लगाने की वार्ता हो गई थी, लेकिन वह रात में तैयार हो गया और ड्यूटी की थी।

-डा. संजय जैन, सीएमओ।

बता दें कि डॉक्टर ने छह माह में करीब दो दर्जन से अधिक वीवीआईपी की एंबुलेंस ड्यूटी भी की। इस बीच उस पर शक हाेने पर सीएमएस की तरफ से वेतन रोक कर डिग्री की जांच का फैसला लिया गया। मामले के तूल पकड़ने पर फर्जी चिकित्सक इस्तीफा देकर गायब हो गया है।

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