शासन से होगी सीएमएस, सर्जन की तैनाती

शाहजहांपुर : जिला महिला चिकित्सालय में बेहतर कार्य व्यवस्था के लिए शासन स्तर से तेज तर्रार सर्जन एवं

By Edited By: Publish:Thu, 27 Aug 2015 11:13 PM (IST) Updated:Thu, 27 Aug 2015 11:13 PM (IST)
शासन से होगी सीएमएस, सर्जन की तैनाती

शाहजहांपुर : जिला महिला चिकित्सालय में बेहतर कार्य व्यवस्था के लिए शासन स्तर से तेज तर्रार सर्जन एवं सीएमएस की पो¨स्टग होगी। चिकित्सालय में कई सालों से कार्यवाहक अधिकारियों की तैनाती से व्यवस्था चरमरा गयी थी। सूत्रों के मुताबिक आठ सितंबर तक दोनों ही पदों पर नियुक्ति को शासन स्तर पर कवायद शुरू है।

जिला महिला चिकित्सालय में पिछले तीन सालों से कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। डॉ. अश्वनी ब्लड बैंक के नियमित प्रभारी थी। सीनियर होने के नाते उन्हें जिला महिला चिकित्सालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। डॉ. अश्वनी से पूर्व डॉ. दिनेश कुमार सोनकर को जिला महिला चिकित्सालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। उन दिनों जिला महिला चिकित्सालय की स्थित पटरी पर लौटने लगी थी। वरिष्ठता क्रम में पीछे होने से श्री सोनकर से कुर्सी लेकर अधिकारियों ने डॉ. अश्वनी को सौंप दी। करीब दो साल में व्यवस्था चरमराती गयी। आएदिन गर्भवती महिलाओं , प्रसूताओं के तीमारदार व्यवस्था पर सवाल उठाते रहे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। लापरवाही का नतीजा रहा कि जिला महिला चिकित्सालय में दिल को दहला देने वाली घटना हुई। नवजात की गर्दन काटने के बाद उपजी जटिलताओं ने प्रसूता की भी जान ले ली। सिलसिलेवार शिकायतों के बाद हुई बड़ी घटना को शासन ने गंभीरता से लिया है। हालात सुधारने को एक सर्जन एवं एक सीएमएस देने की तैयारी चल रही है। हालांकि सीएमएस की कुर्सी हथियाने को कई डॉक्टर जोर आजमाइश कर रहे हैं। एक अधिकारी पत्नी को कुर्सी दिलाने को हाथ-पैर मारने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

निलंबन के बावजूद नहीं छोड़ी कुर्सी

निलंबित होने के कई दिनों बाद भी डॉ. अश्वनी कुर्सी पर बने हैं। शासन से सीएमएस के निलंबन का आदेश भी प्राप्त हो चुका है, लेकिन किसी दूसरे अधिकारी को चार्ज देने का आदेश नहीं होने से मुश्किल है। हालांकि निलंबन आदेश के बाद ही कार्यभार छोड़ने को तैयार हो गए थे।

chat bot
आपका साथी