धरती का बुखार उतारने को बढ़ानी होगी हरियाली: राजेंद्र सिंह

जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा है कि धरती को बुखार चढ़ गया है और मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। धरती का बुखार उतारने के लिए हमें हरियाली बढ़ानी पडे़गी इसके लिए जरूरी है कि बारिश के पानी को जमीन में संरक्षित किया जाए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Mar 2021 11:31 PM (IST) Updated:Sat, 27 Mar 2021 11:31 PM (IST)
धरती का बुखार उतारने को बढ़ानी होगी हरियाली: राजेंद्र सिंह
धरती का बुखार उतारने को बढ़ानी होगी हरियाली: राजेंद्र सिंह

सहारनपुर, जेएनएन। जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा है कि धरती को बुखार चढ़ गया है और मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। धरती का बुखार उतारने के लिए हमें हरियाली बढ़ानी पडे़गी, इसके लिए जरूरी है कि बारिश के पानी को जमीन में संरक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि आज हमने पानी को लाभ का साधन बना लिया है, पहले पानी हमारी आस्था था, पानी के प्रति सम्मान हमारा संस्कार था। यही वजह रही कि सैकड़ों साल की गुलामी के बाद भी पानी को किसी ने छुआ नहीं था।

शनिवार को जनमंच सभागार में नगर निगम द्वारा जल संरक्षण में नदियों और तालाबों की भूमिका विषय पर आयोजित सेमीनार में मुख्य अतिथि जल पुरुष राजेंद्र सिंह कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से किया। राजेंद्र सिंह ने कहा कि आज भारत के पानी, जवानी और किसानी को संभालने की जरुरत है। आज 84 प्रतिशत पानी हम किसानी पर खर्च कर रहे हैं। सरकार को कम पानी की फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए एक प्रोत्साहन राशि देने की नीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को भी सोचना पडे़गा। रेन पैटर्न को क्राप पैटर्न के साथ जोड़कर देखना होगा। अपनी भावी पीढि़यों के लिए हमें बैंक बैलेंस नहीं कुंओं, तालाबों और नदियों में पानी बचाकर रखना होगा। उन्होंने कहा कि सहारनपुर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग सौभाग्यशाली है कि उन्हें उपजाऊ जमीन और खूब बारिश मिलती है। राजस्थान व बुंदेलखंड में बारिश का पांचवा हिस्सा भी नहीं मिलता लेकिन बारिश का ये पानी हम संरक्षित नहीं कर रहे हैं। हालात ये है कि रिचार्ज से 72 प्रतिशत अधिक पानी हम डिस्चार्ज कर रहे हैं।

कार्यक्रम में पूर्व विधायक सुखबीर पुंडीर, पं. मुकेश कपिल, डा. पी डी गर्ग, विश्वजीत पुंडीर, डा. पी के शर्मा, आमिर खां, तेज क्वात्रा, स.दलजीत कोचर, अरविद शर्मा, डा.सतेंद्र, संजय सैनी, ममता सिघल, संगीता गोयल, मिथलेश अग्रवाल के अलावा अधिशासी अभियंता निर्माण कैलाश सिंह, जलकल के अधिशासी अभियंता श्रवण सिघल, ईश्वर सिंह तथा पार्षद मंसूर बदर, पुनीत चौहान, अनिल पप्पू, मुकेश गक्खड़, मोहर सिंह, गोपाल दास, यशपाल कोरी, भूरा सिंह प्रजापति, मानसिंह जैन, मनोज जैन, पार्षद प्रतिनिधि नीरज सिघल, सईद सिद्दिकी, दिग्विजय चौहान, शकील प्रधान आदि बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे। संचालन डा. वीरेंद्र आ•ाम ने किया।

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