मुख्यमंत्री के तीन तलाक वाले बयान पर बिफरे देवबंदी उलमा

तीन तलाक शरई मसला है। मुसलमान, इसमें किसी तरह की दखलंदाजी सहन नहीं करेंगे। हर सूरत में मुख्यमंत्री का बयान बेजा है।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Tue, 18 Apr 2017 07:16 PM (IST) Updated:Tue, 18 Apr 2017 07:16 PM (IST)
मुख्यमंत्री के तीन तलाक वाले बयान पर बिफरे देवबंदी उलमा
मुख्यमंत्री के तीन तलाक वाले बयान पर बिफरे देवबंदी उलमा

सहारनपुर (जेएऩएन)। तीन तलाक के मसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताजा बयान को लेकर देवबंदी उलमा खफा हैं। उन्होंने कहा है कि तीन तलाक शरई मसला है। मुसलमान, इसमें किसी तरह की दखलंदाजी सहन नहीं करेंगे। हर सूरत में मुख्यमंत्री का बयान बेजा है।


सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित विधान सभा के सेंट्रल हाल में आयोजित कार्यक्रम में बयान दिया था कि ट्रिपल तलाक द्रोपदी चीरहरण जैसा है। इस पर मौन रहने वाले अपराधी हैं। उन्होंने कामन सिविल कोड लागू किए जाने की भी हिमायत की थी। योगी के इस बयान पर दारुल उलूम जकरिया के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा कि तीन तलाक मुस्लिमों का शरई मसला है।

शरीयत की रोशनी में ही इसे हल किया जाएगा। कोई भी बयान, शरीयत को बदल नहीं सकता। मुस्लिम पर्सनल लॉ व शरीयत में दखलंदाजी और कॉमन सिविल कोड को मुसलमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। दारुल उलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में तब्दीली किसी कीमत पर कबूल नहीं है।

आल इंडिया अल कुरान फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि देश में सरकारों द्वारा बिना तथ्यों के तीन तलाक के मामले को गलत तरीके से पेश कर इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।  

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