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    UP: आजम खान विधायकी वापस लेने को जाएंगे SC, बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी यूपी सरकार

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Fri, 26 May 2023 08:18 AM (IST)

    सपा नेता और पूर्व विधायक आजम खां को हेट स्‍पीच वाले मामले में सजा के बाद न‍िचली अदालत के सजा के आदेश को खार‍िज कर द‍िया गया। इसी सजा के बाद आजम को अपन ...और पढ़ें

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    Azam Khan: व‍िधायकी लेने सुप्रीम कोर्ट जाएंगे आजम खान

    रामपुर, जागरण संवाददाता। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां की विधायकी जिस मुकदमे में सजा होने के कारण गई थी, अब उसी में उन्हें बरी कर दिया गया है। इस फैसले के खिलाफ सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी। आजम खां अपनी विधायकी बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। हालांकि अभी दोनों पक्ष कानून विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर रहे हैं।

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    आजम खां के खिलाफ भड़काऊ भाषण के कई मामले अदालत में विचाराधीन हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खां ने अपनी जनसभाओं में भड़काऊ भाषणबाजी की थी। मिलक कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिसमें उन पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, तत्कालीन जिलाधिकारी को लेकर टिप्पणी की थी। उनके खिलाफ इस मामले में 27 अक्टूबर 2022 को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि उन्हें तब ही अपील के लिए समय देते हुए जमानत पर रिहा कर दिया था।

    आजम खां ने इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की। इस अपील पर बुधवार को फैसला आया, जिसमें उन्हें बरी कर दिया गया। इस फैसले को लेकर अब सरकार हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं। इस संबंध में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि फैसले की प्रति मिल गई हैं। 66 पेज का फैसला है। इसका अध्ययन किया जा रहा है। अपील के लिए 90 दिन का समय है।

    भाषण से नहीं फैली नफरत अदालत ने अपने फैसले में माना है कि आजम खां ने जो भाषण दिया, उससे नफरत नहीं फैली। इससे कोई हिंसा नहीं हुई है। निचली अदालत ने केवल सीडी के आधार पर फैसला सुनाया है। ठोस साक्ष्यों का अध्यन नहीं किया। कोर्ट ने अपने फैसले में अभिव्यक्ति के अधिकार का भी उल्लेख किया है। आजम खां भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

    दरअसल उनकी विधायकी सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की वजह से गई थी, जिसमें कहा गया है कि जनप्रतिनिधि को दो साल की सजा होने पर उनकी सदस्या रद्द हो जाएगी। उनके अधिवक्ता जुबैर अहमद खां का कहना है कि जिस आरोप में सजा हुई थी, उससे बरी हो गए है। पहले सजा होने पर विधायकी गई थी । अब बरी हो गए हैं तो विधायकी बहाल होनी चाहिए।